केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan

 केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan


Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan
Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan 

दोस्तों, एक बार फिर आपका स्वागत है। डॉक्टर और एक्सपर्ट फल को सेहत के लिए फायदेमंद बताते हैं। परंतु फल नुकसान भी करता है। केला एक ऐसा ही फल है। यह लेख केला खाने के फायदे और नुकसान (Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan) के बारे में है। 

केला  एक स्वादिष्ट, मीठा, पौष्टिक एवं सस्ता फल है। इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं। इसके फल, पत्तियां, बीज और जड़ सभी के फायदे हैं। केला कार्बोहाइड्रेट और विटामिन- बी का उच्च स्त्रोत है। यह हार्ट, उच्च रक्तचाप, अल्सर, गठिया और पेट के लिए फायदेमंद होता है।

केला में पोटेशियम 9% होता है, जो शरीर को नुकसान भी करता है। इसमें लैटेक्स होता है। यह एलर्जी उत्पन्न कर शरीर में सूजन, दर्द, सर्दी-खांसी और सांस की बीमारियों को पैदा करता है। इसे ज्यादा खाने से मोटापा, कब्ज होता है।


केला का वैज्ञानिक नाम मूसा पारादेसिका (Musa paradesica) है। यह कुल-मूसासी (Family-Musaceae) का एक घासदार पौधा है। भारत में केला, उत्पादन में पहले स्थान पर और फलों के क्षेत्र में तीसरे नंबर पर है। 

भारत के अंदर महाराष्ट्र राज्य में केले की सर्वोच्च उत्पादकता है। केले का उत्पादन करने वाले अन्य राज्य जैसे कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश और आसाम है। 

केले से विभिन्न तरह के उत्पाद जैसे चिप्स, केला प्यूरी, जैम, जैली, जूस आदि बनाये जाते हैं। केले के फाइबर से बैग, बर्तन और वॉली हैंगर जैसे उत्पाद बनाये जाते हैं।

तो आइए इस ब्लॉग पोस्ट "केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan" में जानें, केला के बारे में।  


केला के बारे में कुछ रोचक तथ्य-Some Facts About Banana In Hindi 

  • फल का नाम : केला (Banana)
  • वनस्पति नाम : मूसा पारादेसिका (Musa paradesica) 
  • कुल : मूसासी (Family-Musaceae) का एक घासदार पौधा 
  • फल का प्रकार : स्वादिष्ट, मीठा, पौष्टिक, उपयोगी एवं सस्ता 
  • उपलब्धता : पूरे साल, आसानी से हर जगह 
  • डॉक्टरों के अनुसार : केला खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलता, जल्दी पच जाता और कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
  • मूल निवासी : दक्षिण पूर्व एशिया के उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र इंडोमाल्या और ऑस्ट्रेलिया। 
  • सबसे पहले खेती : संभवतः  पपुआ न्यू गिनी 
  • उपज : वर्तमान में 135 देशों में, लगभग सभी उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में। 
  • उत्पादन : भारत और चीन में सबसे ज्यादा। 
  • प्रसिद्धि : भारत में प्राचीन काल से स्वादिष्ट, पाचक एवं लोकप्रिय फल के रूप में प्रसिद्ध। 
  • खेती : पूरे भारत के लगभग सभी प्रांतों में।

केला का पोषण मूल्य-Nutrition Value Of Banana In Hindi 


प्रति 100 ग्राम पक्का केला में पोषक तत्वों की मात्रा:

मैक्रोन्यूट्रीएंट्स (Macronutrients):

  • ऊर्जा                 :  88 किलो कैलोरी
  • कार्बोहाइड्रेट     :  23 ग्राम 

                    - आहारीय रेशा  :  02.6 ग्राम  

                    - शर्करा            :  12 ग्राम

  • प्रोटीन              :  01.1 ग्राम
  • वसा                 :  300 मिलीग्राम 
- संतृप्त वसा     :  100 मिलीग्राम
- बहु असंतृप्त वसा  :  100 मिलीग्राम 

 

सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) :

  • विटामिन (Vitamins) :
- विटामिन A          :  64 IU
- विटामिन B6        :  400 माइक्रोग्राम
- नियासिन             :  665 माइक्रोग्राम
- पैंथोथेनिक एसिड :  334 माइक्रोग्राम
- थायमीन              :  31 माइक्रोग्राम
- विटामिन C          :  8.7 मिलीग्राम
- विटामिन K          :  1% 
  • खनिज लवण (Mineral Salts) :
- कैल्शियम      :  5 मिलीग्राम
- मैग्निशियम     :  27 मिलीग्राम
- सोडियम       :   01 मिलीग्राम
- पोटैशियम    :   358 मिलीग्राम
- फॉस्फोरस   :   22 मिलीग्राम
- लौह तत्व     :   300 माइक्रोग्राम
- तांबा           :   78 माइक्रोग्राम
- जिंक          :   115 माइक्रोग्राम
- सेलेनियम   :    01 माइक्रोग्राम
 

  केला का वर्गीकरण-Cassification Of Banana

हिन्दी में:

  • जगत             :  पौधे
  • उप जगत       :  ट्रेकिओबाओन्टा (संवहनी पौधे)
  • महाविभाजन   :  स्पेर्मेटोफाइटा बीज पौधे
  • विभाजन         :  मैग्नोलिओफाइटा पुष्पीय पौधे
  • वर्ग                :  लिलिओप्सिड (एक बीज-पत्री)
  • उप वर्ग          :  ज़िंगबेरीडी
  • गण               :   ज़िंजिबेरेल्स
  • कुल              :   मूसासी
  • वंश               :   मूसा
  • प्रजाति           :   मूसा पारादेसिका
# केला की वंश-मूसा (Genus- Musa) की अभी तक 70 ज्ञात प्रजातियां हैं। 
# इसमें से 2 प्रजातियां संकर प्रजातियां (Hybrid Species) हैं-  
M. balbisiana  
M. sapientum

English में :

  • Kingdom          :  Plantae (Plants)
  •  Subkingdom    :  Tracheobionta  (Vascular Plants)
  • Super division :  Spermatophyta (Seed Plants)
  • Division           :  Magnoliophyta (Flowering Plants)
  • Class              :  Liliopsida (Monocotyledons)
  • Subclass.       : Zingiberidae
  • Order             :  Zingiberales
  • Family            :  Musaceae
  • Genus            :  Musa
  • Species          :  M. paradisica,  M. acuminata


विभिन्न भाषाओं में केला के नाम | The Name of Banana  In Different Languages In Hindi


  • हिंदी       :  केला, कदली
  • संस्कृत    :  कदली, वारणा,मोचा, अम्बुसारा, अंशुमतीफला
  • भोजपुरी  :  केला, केरा
  • अंग्रेजी    :  Banana, Plantain, Adam's Fig
  • उर्दू         :  केला
  • बंगाली     :  केला, कोला, कोदली
  • पंजाबी     :  केला, खेला
  • असमिया  :  कोल, ताल्हा
  • उड़िया      :  कोदोली, रानो कोदिली
  • गुजराती    :  केला
  • तेलगू        :  अरटी, कदलम्
  • तमिल      :  कदली, वलई
  • कन्नड़      :  बालेहन्नु
  • मलायम   :  वला, क्षेत्र कदली, कदलम
  • मराठी     :  केला, कदली
  • अरबी     :  शाजरातुल्तहल (Shajratultahl)
  • फारसी    :  तुहलतुला, मौज


 जानें केला के पेड़ के बारे में- Know About Bananas Tree In Hindi


 तना (Stem):

  • केला का तना वास्तविक तना नहीं होता है।
  • इसलिए इसे "छ्द्मतना (Pseudostem) कहते हैं।
  • मोटा, चिकनी एवं सीधा ।
  • ऊंचाई: 2 - 8 मीटर तक।
  • फल लगने के बाद छ्द्मतना सूख कर मर जाता है। 
  • फिर दूसरा छ्द्मतना उसके जड़ से निकलने लगता है, जिसमें फल लगता है।

 फल (Fruit) :

  • मुख्य रूप से  केले की खेती फल के लिए ही की जाती है।
  • केले का फल गुच्छों में कतारबद्ध लगते हैं। गुच्छे के एक कतार में 3-20 केले होते हैं।
  • बाहरी परत में छिलका होता है तथा भीतर के मांसल भाग को खाया जाता है।

रंग (Color) :

  • कच्चा  :  हरा
  • पक्का : पिले, लाल, हरा, भूरा एवं बैगनी। अलग-अलग प्रजातियों में अलग-अलग रंग के।

वजन (Weight) :

  • फल का औसत वजन : 125 ग्राम
  • गुच्छे का वजन : 30-50 किलोग्राम तक
  • फल में जल की मात्रा : 75 %


आयुर्वेद के अनुसार केला के बारे में-About Banana According To Ayurveda


भावप्रकाश निघंटु में श्री भाव प्रकाश मिश्रा केला (कदली) के बारे में लिखें हैं-


कदली    वारणा   मोचाम्बुसारांशुमतीफला ।

मोचाफलं स्वादु शीतं विष्टम्भि कफनुद गुरु ।।


स्निग्धं पित्ताश्त्रतृड्दाहक्षतक्षयसमीरजित् ।

पक्कं स्वादु हिमं पाके स्वादु वृष्यञ्च बृंहणम् ।।

क्षुत्तृष्णानेत्रगदहृन्मेहघ्नं        रूचिमांसकृत ।। 


अनुवाद हिंदी में :-

केला के संस्कृत में नाम हैं- कदली, वारणा, मोचा, अम्बुसारा तथा अंशुमतीफला।

कच्चे केला :  स्वादिष्ट, शीतल, विष्टम्भक, कफकारक, गुरु (भारी), स्निग्ध (चिकना), पित्तनाशक, रक्तविकार को दूर करनेवाला, प्यास, दाह, क्षत, क्षय तथा वात को दूर करने वाला होता है।

पक्का केला : स्वादिष्ट, शीतल, विपाक में मधुर रसयुक्त, वृष्य (वीर्यवर्धक), बृंहण (रस-रक्तादिवर्धक), रुचि तथा मांस को बढ़ाने वाला एवं भूख प्यास नेत्र रोग तथा प्रमेह नाशक हैं।


केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan 

फल खाने के फायदों से इनकार नहीं किया जा सकता है।  लेकिन फल खाने से हमारे सेहत को नुकसान भी हो सकता है। 

बेशक केला एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है। परंतु केला खाने के फायदे और नुकसान दोनों हैं।


कच्चा केला खाने के फायदे :


  • कच्चा केला पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण काफी फायदेमंद। 
  • प्रचुर मात्रा में रेशा के कारण पाचन क्रिया को ठीक करता है।
  • कच्चे केला में पाए जाने वाला पोटैशियम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान कर शरीर को सक्रिय बनाए रखता है।
  • इसमें उपस्थित आहारीय रेशा शरीर की वसा को कम कर मोटापा का नियंत्रण करता है।
  • अन्य पदार्थों के साथ मधुमेह में प्रयोग।

कच्चा केला के उपयोग:

  1. सब्जी बनाने में।
  2. चिप्स बनाने में।

पक्का केला खाने के फायदे:

  • पक्का केला मिट्ठा, स्वादिष्ट एवं ठंडे प्रकृति (तासीर) का होता है।
  • इसमें पोषक तत्व- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामि-सी, विटामिन बी-6 और खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • यह हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है।
  • रक्त की अम्लता को कम करता है।
  • पाचन क्रिया में सुधार करता है।
  • अतिसार एवं पेचिश में लाभदायक।
  • आंव - मल, पेचिश एवं आंतों की अल्सर में दूध में घोलकर पीने से लाभ होता है।
  • बच्चों की पतले दस्त को ठीक करता है।
  • शरीर को तुरंत ताकत देता है।
  • शरीर की वजन को बढ़ाता है।
  • गुर्दे और शरीर को मजबूत बनाता है।
  • सुखी खांसी एवं दमा में लाभदायक।
  • गले की खराश को दूर करता है।

केला के फायदे - Health Benefits Of Banana In Hindi 

  • केला स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। 
  • इसके कच्चे फल, पक्के फल, पत्तियां एवं जड़ सभी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। 
  • इसका प्रयोग घरेलू चिकित्सा के रूप में सदियों होता आ रहा है।
  • यहां कुछ परीक्षित नुस्खों का वर्णन दिया जारहा है। इसका प्रयोग करने पर आपको स्वास्थ्य लाभ होगा।

1. पीलिया (Jaundice) में केला खाने के फायदे

  • एक साबूत बिना छिला हुआ पक्का केला लें।
  • उसके ऊपर बुझा हुआ चुना (पान में खाने वाला चुना) लगाकर खुले आसमान के नीचे ओस  में रख दें।
  • सुबह इसे छिलकर खाली पेट पीलिया (Jaundice) के रोगी को खाने को दें।
  • इसका प्रयोग लगातार 7 - 21 दिनों तक करने पर Jaundice ठीक हो जाता है।

2. रक्ताल्पता (Anaemia) में केला के फायदे

  • केला में प्रचुर मात्रा में लौह , मैग्निशियम तथा तांबा पाया जाता है। यह शरीर में  हीमोग्लोबिन बनाता है। 
  • नियमित रूप से रोजाना खाना खाने के आधा घंटा बाद पक्का केला खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन (Hb) का निर्माण होता है।
  • जिससे रक्ताल्पता यानी खून की कमी (Anaemia) दूर  जाती है।

3. कब्ज (Constipation) में केला के फायदे

  • नियमित रूप से रोजाना कच्चे केले का सब्जी या भोजन के बाद पक्के केले को अच्छी तरह से चबाकर खाएं। 
  • इससे केला में पाया जाने वाला Dietary Fibre आंतों की सफाई कर कब्ज की  समस्या को ठीक कर देता है।

4. अतिसार, पेचिश एवं संग्रहणी (Diarrhea & Dysentery) में केला के फायदे

  • रोजाना पक्के केले को दही के साथ खाएं। इससे अतिसार, पतला दस्त, पेचिश, आंव,  मल तथा संग्रहणी में बहुत लाभ होगा।
  • पक्के केले को पेड़ा के साथ खाने पर Diarrhea और Dysentery में बहुत लाभ होता है। पेड़ा एक प्रकार का दूध के खोवा से बना मिठाई है। 
  • पेचिश तथा आंतों की बीमारियों में पक्के केले को दूध में घोलकर (Banana Milk Shake) पीना काफी फायदेमंद होता है।

5. अल्सर (आंतों की घाव) में केला के फायदे

  • केला अम्लता को कम कर अल्सर के रोगियों के लिए एक अच्छी औषधि का कार्य करता है।

6. सुखी खांसी (Dry Cough) में केला के फायदे

  • केले का शर्बत सुखी खांसी में लाभदायक होता है।

केले का शर्बत बनाने की विधि :

  • पक्के हुए 5 केले लें। 
इसे छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें ।
  • फिर उसमें थोड़ी  चीनी तथा एक गिलास गर्म पानी मिला दें। 
  • अब बर्तन को बंद कर उसे आग पर थोड़ा गर्म करें।
  • गर्म करने पर वह शर्बत बन जाएगा।
  • इस शर्बत को हल्का गर्म ही सुखी खांसी के रोगी को नियमित रोजाना सुबह-शाम पीने से  बहुत लाभ होगा।


7. दमा (Asthma) में केला के फायदे


  • एक छिलका सहित पक्का केला लें। उसे काट कर छोटा-छोटा टुकड़ा कर लें।
  • टुकड़ों में नमक और काली मिर्च का पाउडर लगाकर रात को खुले आसमान में रख दें।
  • सुबह टुकड़ों को आग पर भून कर दमा के रोगी को खाने को दें।
  • इस विधि से केला के सेवन से दमा के रोगी को बहुत लाभ होते देखा गया है।


8. श्वेतप्रदर (Leukorrhea) में केला के फायदे


श्वेतप्रदर यानी ल्यूकोरिया【Leukorrhea in American English and Leucorrhea in British Englis】स्त्रियों में होने वाला एक आम बीमारी  है। इस रोग में केला एक कारगर औषधि का कार्य करता है -


एक पक्का केला को 5 ग्राम शुद्ध देसी घी के साथ प्रतिदिन सुबह व शाम खाने से श्वेतप्रदर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है।


केला को दूध का खीर बनाकर नित्य सुबह व शाम खाने से ल्यूकोरिया में बहुत लाभ होता है।


रोजाना 2 केले को भोजन के बाद खाना भी श्वेतपरर में फायदेमंद होता है। ऐसा मेरे रोगियों पर मेरा अनुभव है।


9. चेहरे पर केले के प्रयोग के फायदे


एक पक्का केला को टुकड़ा कर इसे शहद में मिलाकर पेस्ट (Paste) बना लें। इस Paste को आंखों और इसके आस-पास के भाग को छोड़कर चेहरे पर लगाकार कुछ देर छोड़ दें। फिर चेहरे को पानी से साफ कर लें।


फायदे :


चेहरे पर चमक आ जायेगी।

चेहरे में कसाव आएगा अर्थात् चेहरा Tone- up हो जाएगा।

केले और शहद के इस पेस्ट को चेहरे पर नियमित प्रयोग से चेहरे का झुर्रियां भी खत्म हो जायेगा।


10. कृशता (दुबलापन) में केला के फायदे:


रोजाना लगातार दो केले को एक गिलास दूध के साथ एक से डेढ़ माह तक खाएं। इससे शरीर का वजन बढ़ कर कृशता (दुबलापन) दूर हो जाएगी। मोटा होने का यह अचूक प्रयोग है।


11. बच्चों की मिट्टी खाने की आदत:


एक-दो खूब पक्का हुआ केले को शुद्ध देसी घी में तल दें। फिर उसे शहद में मिलाकर मिट्टी खाने की आदत वाले बच्चा को खिला दें।


कुछ ही दिनों में उस बच्चे की मिट्टी खाने की आदत छूट जाएगा।


केला खाने से नुकसान-Side Effects Of Eating Banana In Hindi


अभी तक हमलोगों ने केला खाने के फायदे को देखेंl परंतु क्या आप जानते हैं कि कच्चे, अध-पक्के, बहुत पक्के या बहुत ज्यादा केला खाने से नुकसान भी होता हैl


वैसे तो केला खाने से कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं होती है फिर भी किसी-किसी को केला खाने से निम्नलिखित स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं-


एलर्जी


सर्दी-खांसी 


जुकाम


दमा रोगियों के लिए नुकसानदायक


सिरदर्द 


सांस लेने में कठिनाई


डकार


पेट का फूलना


सूजन


कब्ज


उल्टी


पेट में 

दर्द या ऐंठन


पेट में जलन


मतली


पतला दस्त 


दानें


संवेदशीलता


रक्त शर्करा में वृद्धि


मोटापा


दांत संबधित समस्या


नींद की  कमी इत्यादि।


अस्वीकरण (Disclaimer) :

इस ब्लॉक पोस्ट में सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए जानकारी दी गई है। 

 निष्कर्ष: 


हमलोग इस आर्टिकल केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan को  देखा।इस पोस्ट में आप जानें कि बेसक केला एक स्वादिष्ट, मीठा, पौष्टिक, लोकप्रिय  एवं सस्ता फल है।  एक तरफ केला खाने के कई फायदें हैं, तो दूसरी तरफ यह नुकसान भी कर सकता है। इसलिए केला को अपने शरीर की प्रकृति और स्वाथ्य की स्थिति के अनुसार खाएं। आप केला को कब और कैसे खाएं, बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से राय ले लें।

धन्यवाद ...  

Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan



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