14 जुलाई 2024

शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं? - Vitamins In Hindi

 

शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं - Vitamins In Hindi


13 विटामिन कौन से हैं
13 Vitamins 

दोस्तों, स्वस्थ जीवन में विटामिन की महत्वपूर्ण भूमिका है। शरीर को 13 विटामिन जरूरी है। परंतु क्या आप जानते हैं कि शरीर के लिए आवश्यक 13  विटामिन कौन से है?  विटामिन   जल या वसा में घुलनशील होते हैं। विटामिन- A, D, E   एवं  K वसा में घुलनशील और विटामिन- B Complex   एवं जल में घुलनशील विटामिन हैं। विटामिन- B Complex 8 प्रकार के होते हैं। वे हैं - विटामिन-  B1,   B2,   B3,   B5,   B6,   B7,  B9 और  B12। विटामिन (Vitamins In Hindi) भोजन में उपस्थित एक जटिल कार्बनिक यौगिक है। यह जीवन, स्वास्थ्य,  वृद्धि व  विकास तथा उपापचय के लिए अनिवार्य है। विटामिन की खोज एक महत्वपूर्ण खोज थी। सर्वप्रथम विटामिन शब्द का प्रयोग 1912 में सी. फंक ने किया था। परंतु विटामिन की खोज एफ. जी. हापकिंस ने 1911-12 में की थी।


Vitamins In Hindi
विटामिन 

विटामिन एक Micronutrient है। प्रायः यह शरीर में नहीं बनता, इसे भोजन से प्राप्त किया जाता है। रंगीन फलसब्जियां, दूध, अंडा इत्यादि इसके मुख्य स्रोत हैं। इसकी कमी से रतौंधी, पेलाग्रा, बेरी-बेरी जैसी कई  बीमारियां होती है। इसके अभाव में कोई भी जीव जीवित नहीं रह सकता। शायद इसलिए  Vitamin को हिंदी में प्रजीवक या जीवनी-तत्व कहते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट "शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं?-Vitamins In Hindi" में, विटामिन के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है। यह जानकारी आप के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। तो आइए इसे जानें। 



विटामिन क्या है?- What Are Vitamins In Hindi


विटामिन एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व और रासायनिक रूप से एक जटिल कार्बनिक पदार्थ है। शरीर को जिंदा रखने के लिए भोजन में इसकी थोड़ी मात्रा में उपस्थिति अनिवार्य है।


विटामिन से शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती, परंतु कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक है। विटामिन के मुख्य कार्य हैं- 

  • शरीर की रोगों से रक्षा 
  • उपापचयी क्रियाओं का नियमन 
  • एंजाइम का निर्माण 
  • वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक होता है।


प्रायः विटामिन शरीर में नहीं बनता है। इसलिए इसे भोजन से प्राप्त किया जाता है। फल, सब्जी, दूध अंडा इसके मुख्य स्रोत हैं।


विटामिन की कमी से शरीर में कई बीमारियां होती है,  जैसे- रतौंधी, बेरी-बेरी, पेलाग्रा इत्यादि। 


यदि विटामिन की कमी से होने वाले बीमारियों का इलाज समय नहीं किया जाय तो यह यह जानलेवा भी हो सकता है। शायद इसलिए Vitamin को हिंदी में प्रजीवक या जीवनी-तत्व कहा जाता है।


शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं?-Vitamins In Hindi 


मुख्य रूप से विटामिन 6 प्रकार का होता है- विटामिन- A, B, C, D, E और K

विटामिन- B समूह में पाया जाता है। सामुहिक रुप से इसे विटामिन- बी कॉम्प्लेक्स कहते हैं। 

विटामिन- बी कॉम्प्लेक्स  8 प्रकार के होते हैं- विटामिन- B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9 और B12 । 

विटामिन- P एक नया विटामिन है। इसे विटामिन माना जाये या नहीं, अभी यह एक विवादित मामला है।

इस प्रकार विटामिन-P के अलावा, शरीर के लिए आवश्यक 13 Vitamins हैं- 
 विटामिन- A,  B1 B2,  B3 B5 B6 B7 B9 B12 C D,  E और K । 


विटामिन की खोज-Discovery Of Vitamin In Hindi


VITAMIN DISCOVERY
विटामिन की खोज 

  • विटामिन की खोज एक महत्वपूर्ण खोज थी। 
  • वैज्ञानिकों ने 1912 में साबित कर दिया कि भोजन में थोड़ी मात्रा में विटामिन का होना अनिवार्य है।
  • सर्वप्रथम विटामिन शब्द का प्रयोग पोलिश वैज्ञानिक सी. फंक ने 1912 में किया था। परंतु विटामिन की खोज ब्रिटिश वैज्ञानिक सर एफ. जी. हापकिंस ने 1911-12 में की थी।
  • विटामिन हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है।
  • परंतु विटामिन की खोज के पहले चिकित्सा वैज्ञानिक भोजन के 4 अवययों- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा तथा खनिज-लवण को ही आवश्यक पोषक तत्व मानते थे।
  • फिर उन्होंने देखा कि पर्याप्त मात्रा में इन पोषक तत्वों को भोजन में लेने पर भी, मनुष्य कई रोगों से ग्रसित हो जाता है। आखिर क्यों ? इसकी खोज के लिए वे प्रयोग एवं शोध कार्य करते रहे।


कैदियों, गोताखोरों तथा पर्वतारोहियों पर किया गया प्रयोग:

  • एक शोध के क्रम में दो वैज्ञानिक सर एफ. जी. हॉपकिन्स तथा क्रिश्चियान एईकमैन ने कैदीयों, गोताखोरों तथा पर्वतारोहियों पर  एक प्रयोग किये।
  • वे कई वर्षों तक इनको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज-लवण एवं पानी को खाने को दिया। 
  • फिर उनके स्वास्थ्य की जांच किये तो पाये कि वे सभी किसी न किसी रोग से ग्रसित हैं। 
  • इसके बाद इन दोनों वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि भोजन में कुछ पोषक तत्वों की कमी के कारण वे रोग ग्रसित हो गए थे। उन अज्ञात पोषक तत्वों को बाद में “विटामिन” कहा गया। 
  • इस खोज के लिए 1929 में इन दोनों वैज्ञानिकों को एक साथ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


पशुओं की आहार पर किया गया प्रयोग:

  • सर एफ.जी. हॉपकिन्स ने पशुओं के आहार में शुद्ध प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज-लवण और पानी दिया। परंतु पशुओं का वृद्धि नहीं हो रहा था।
  • इसलिए उन्होंने पशुओं की वृद्धि एवं उनकी अस्तित्व के लिए उनके सामान्य आहार में आवश्यक अज्ञात पदार्थ को देने का सुझाव दिया।
  • 1912 में, Sir F. G. Hopkins ने पशुओं के आहार पर किए गए प्रयोगों को प्रकाशित किये। वे इन अज्ञात काल्पनिक पदार्थों को गौण खाद्य कारक (Accessory Food Factor) कहे।
  • फिर 1912 में ही C.Funk ने इसका Vitamine (विटामाईन) नाम दिया।
  •  परंतु 1920 में, Cecil Drummond ने Vitamine में से अंतिम अक्षर "e" को हटाकर "Vitamin" (विटामिन) कर दिया।

"विटामिन" शब्द की उत्पत्ति- Origin Of  The Word "Vitamin" In Hindi


  • Vitamin (विटामिन) शब्द की उत्पत्ति मूल शब्द  Vitamine (विटामाइन) से हुआ है।
  • जिसका प्रस्ताव 1912 में पोलिश जैव रसायनज्ञ कैसीमिर फंक (Polish Biochemist Casimir Funk) ने किया था।
  • "Vitamine" में लैटिन शब्द  "Vita" का अर्थ "Life" (जीवन) होता है। 
  • "amine" शब्द को नाइट्रोजन युक्त पदार्थ के लिए प्रत्यय (Suffix) के रूप में किया जाता है।
  • उस समय वैज्ञानिकों की सोच थी कि सभी विटामिन "amine" अर्थात नाइट्रोजन युक्त होते हैं। 
  • परंतु 1920 में ब्रिटिश वैज्ञानिक Sir Jack Cecil Drummond ने पता लगाया कि, सभी विटामिन में अमाइन समूह (amine group) नहीं होता है। 
  • इसलिए उन्होंने अमाइन संदर्भ को समाप्त कर, "Vitamine" शब्द में से अंतिम अक्षर "e" को हटाने का प्रस्ताव किया।
  • इस खोज के बाद देखा गया कि Vitamin-c में कोई amine group नहीं है।
  • अतः "Vitamine" शब्द में से "e" को हटाकर "Vitamin" नाम रख दिया गया।


विटामिन की खोज का इतिहास-History Of The Discovery Of Vitamins In Hindi


1747 में स्कॉटिश सर्जन जेम्स लिंड ने खोज किया कि स्कर्वी (Scurvy) नामक रोग की रोकथाम में खट्टी चीजें सहायक होती है।


1881 में रूसी सर्जन निकोलाई लुनिन (Nikolai Lunin) ने चूहों पर शोध किये। उन्होंने शोध में पाया कि दूध में प्रोटीन एवं वसा के अलावा थोड़ी मात्रा में स्वस्थ जीवन के लिए अनिवार्य अज्ञात तत्व भी होनी चाहिए।


1886 में, डच जीवाणु विशेषज्ञ क्रिश्चयान (Christiaan Ejkman) ने इंडोनेशिया में फैली बेरी-बेरी नामक बीमारी से लोगों को मरते हुए देखा।


वे खोज में पाये कि भोजन में कुछ पोषक तत्वों की कमी है, जिसे आज विटामिन कहते हैं। परंतु उनका यह खोज अधूरा ही रहा।


आज हमें विटामिन की जो जानकारियां प्राप्त है, वह मुख्यतः ब्रिटिश वैज्ञानिक सर एफ. जी. हापकिंस की देन है। 1911-12 में उन्होंने सिद्ध कर दिया कि- 


शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन में निश्चित मात्रा में विटामिन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। अन्यथा विटामिन की कमी या अधिकता से शरीर में कुछ रोगों का आक्रमण संभव है।

 

विटामिन शरीर को स्वस्थ और निरोग बनाए रखने वाला एक महत्वपूर्ण रसायनिक तत्व है। अतः विटामिन की खोज के लिए सर एफ. जी. हापकिंस को 1929 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।


सर एफ.जी. हापकिंस ने विटामिन की खोज अवश्य की थी। परंतु विटामिन का नामकरण 1912 में पोलिश रसायनज्ञ कैसीमिर फंक (Polish Biochemist Casimir Funk) ने किया।


विटामिन का वर्गीकरण-Classification Of Vitamins In Hindi


1913 में, Elmer Vermer McCollum तथा Marguerite Davis ने घुलनशीलता के आधार पर विटामिन   को दो वर्गों में वर्गीकृत किया-

  • वसा में घुलनशील विटामिन (Fats-Soluble Vitamins)
  • जल में घुलनशील विटामिन  (Water-Soluble Vitamins)


वसा में घुलनशील विटामिन-Fats-Soluble Vitamins In Hindi 


4 विटामिन वसा में घुलनशील होते हैं-

  • विटामिन-A (Retinol)
  • विटामिन-D (Calciferol)
  • विटामिन-E (Tocopherol)
  • विटामिन-K (Phylloquinone)


जल में घुलनशील विटामिन-Water-Soluble Vitamins In Hindi 

2 विटामिन जल में घुलनशील होते हैं-

  • विटामिन- B समूह (B–Complex)
  • विटामिन- C (Ascorbic acid)


विटामिन-B समूहों में पाया जाता है जिसे "विटामिन-B कॉम्प्लेक्स" कहते हैं। ये 8 प्रकार के होते हैं-

  • विटामिन B1 (Thiamine)
  • विटामिन B2 (Riboflovin)
  • विटामिन B3 (Pantothenic-acid)
  • विटामिन B5 (Nicotinic acid)
  • विटामिन B6 (Pyridoxine)
  • विटामिन B7 (Biotin)
  • विटामिन B9 (Folic acid)
  • विटामिन B12 (Cynocobalamine)

 विटामिन-P: यह विटामिन-C से भिन्न एक विवादग्रस्त विटामिन है।


शरीर में विटामिन का संश्लेषण-Synthesis Of Vitamins In Body In Hindi


प्रायः हमारे शरीर में विटामिन का संश्लेषण नहीं होता है। परंतु वसा में घुलनशील विटामिन- A, D, E और K को शरीर संग्रह कर सकता है। फिर जरूरत पड़ने पर शरीर इसे प्राप्त भी कर सकता है।


वहीं जल में घुलनशील विटामिन- B तथा C शरीर में संग्रह नहीं होता है। यह मूत्र  के साथ शरीर से बाहर उत्सर्जित हो जाता है। 


दो विटामिन, विटामिन- D तथा K का संश्लेषण हमारे शरीर में स्वयं होता है


7-Dehydrocholestrol हमारे त्वचा में होता है। यह सूर्य के प्रकाश में उपस्थित पराबैगनी किरणों से प्रतिक्रिया करके त्वचा में उपस्थित Ergosterol को विटामिन- D में बदल देता है।


विटामिन- K थोड़ी मात्रा में Liver में बनता है।

हमारे आँतों में कुछ ऐसे Bacteria होते हैं, जो विटामिन- B, E और K को बनाते हैं।


विटामिन का महत्व-Importance of Vitamins in Hindi


हम जानते हैं कि भोजन हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण मूलभूत आवश्यकता है। भोजन में उपस्थित पोषक तत्व स्वस्थ जीवन का आधार है। यह हमारे स्वास्थ्य को सर्वाधिक प्रभावित एवं नियंत्रित करता है।


हम ऊपर में देखें कि विटामिन की खोज से पहले,  चिकित्सा विज्ञानी भोजन में पोषक तत्व- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा तथा खनिज लवणों का होना ही जरूरी मानते थे।


परंतु सर्वप्रथम 1881 में, एन. आई. लुनिन ने विटामिन की खोज कर बताये कि, 


स्वस्थ शरीर के लिए भोजन में कार्बोहाइड्रेट इत्यादि तत्वों के अलावा, कुछ दूसरे तत्वों (विटामिन) का सूक्ष्म मात्रा में होना जरूरी है।



1912 में, वैज्ञानिक एफ. जी. हॉपकिन्स तथा सी. फंक ने विटामिन मत प्रस्तुत कर बताया कि-


प्रत्येक रोग भोजन में किसी न किसी विटामिन की कमी से होता है। भोजन में विटामिन तत्वों वाले पदार्थ देकर इन रोगों को दूर किया जा सकता है।


अतः शरीर की सुरक्षा तथा हमारे स्वास्थ व तंदुरुस्ती को बनाए रखने में भोजन में संतुलित मात्रा में विटामिन का महत्व, बहुत ज्यादा है।


विटामिन के कार्य-Functions Of Vitamins In Hindi


Vitamins के  महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं-

  • भोजन को ठीक से पचाकर ईंधन में बदलना, विटामिन का मुख्य कार्य है।
  • शरीर की उपापचयी क्रियाओं का नियंत्रण
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर को संक्रमण एवं रोगों से रक्षा करना । इसलिए विटामिन को "जीवन रक्षक" भी कहा जाता है।
  • शरीर के विकास एवं वृद्धि में मदद करना।
  • तंत्रिका को स्वस्थ बनाये रखना
  • शरीर को भोजन से ऊर्जा प्रदान करने में मदद करना।
  • शरीर में एंजाइम का निर्माण करना।
  • विटामिन- A, C एवं E एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं। यह शरीर के अंदर उत्पन्न फ्री रेडिकल को कम कर शरीर को Cancer जैसे कई रोगों से बचाता है।
  • शरीर को सही रूप में काम करने में अहम भूमिका। 


 विटामिन की कमी से होने वाले रोग एवं विटामिन के स्रोत


विटामिन A की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • रतौंधी तथा आंखों से संबंधित अन्य रोग
  • त्वचा संबंधी रोग
  • बालों में सूखापन

स्रोत:

  • गाजर
  • लाल या पीले रंग वाले फल
  • दूध
  • मांस
  • अंडा
  • मछली का तेल
  • मक्खन
  • हरे पत्तेदार साग-सब्जी
  • गोभी
  • पनीर


विटामिन B1 (थायमीन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत


रोग-

  • बेरी-बेरी

स्रोत-

  • चावल
  • अनाज के छिलके
  • दूध
  • सोयाबीन
  • साबूत अनाज
  • हरी सब्जियां
  • मांस 
  • मेवा
  • पनीर


विटामिन B 2 (राइबोफ्लेविन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग-

  • मुंह में छाले पड़ना
  • भूख की कमी
  • चर्म रोग
  • शरीर के भार में कमी आ जाना


स्रोत-

  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • दूध
  • यीस्ट
  • मांस एवं अंडा


विटामिन- B 3 (नियासिन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग: 

  • पेलाग्रा
  • मानसिक रोग
  • पाचन क्रिया की गड़बड़ी

स्रोत :

  • दूध
  • दही
  • पनीर
  • मांस
  • मछली
  • अंडा
  • अंकुरित गेहूं
  • आलू
  • अनाज की बाहरी परत
  • बदाम
  • टमाटर
  • पत्तेदार सब्जियां


विटामिन- B5 (पैन्टाथीनिक एसीड) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • हृदयाघात
  • त्वचा रोग
  • बालों की समस्या

स्रोत:

  • ईस्ट
  • मांस
  • टमाटर 
  • अनाज


विटामिन – B 6 (Pyridoxine) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • शारीरिक वृद्धि में अवरोध
  • खून की कमी
  • त्वचा रोग


स्रोत:

  • हरी सब्जियां
  • अनाज
  • मांस
  • कलेजी


विटामिन- B 7 (बायोटिन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • त्वचा रोग
  • बालों का झड़ना
  • मांसपेशियों में दर्द

स्रोत:

  • हरी सब्जियां
  • ताजे फल
  • यकृत
  • दूध
  • अंडा
  • अनाज
  • दाल


विटामिन -B 9 (फोलिक एसिड ) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • एनीमिया
  • पेचिश
  • मुंह के अल्सर
  • शारीरिक वृद्धि में कमी

स्रोत:

  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • संतरा
  • केला
  • अंडा
  • पालक
  • यकृत


विटामिन- B 12 (साइनोकोबालामिन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • एनीमिया
  • तंत्रिका तंत्र की बीमारियां

स्रोत:

  • मांस
  • मछली
  • अंडा
  • पनीर
  • अनाज


विटामिन- C  (एस्कॉर्बिक एसिड) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • स्कर्वी रोग (घाव का जल्दी ना भरना)
  • मसूड़ों का फूलना


स्रोत:

  • खट्टे फल जैसे-
    • निम्बू
    • संतरा
    • मुसम्मी
    • आंवला
  • टमाटर
  • पत्तेदार सब्जियां
  • अंकुरित अनाज
  • हरी मिर्च


विटामिन-D (Calciferol) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • बच्चों में रिकेट्स
  • व्यस्क में ओस्टियोमलेशिया
  • टीटैनी

स्रोत:

  • सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में शरीर में स्वयं संश्लेषित
  • इसके अलावा-
    • मक्खन
    • अंडे
    • मछली के तेल


विटामिन-E (Tocoferol ) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • नपुंसकता
  • स्त्री में बन्ध्यता
  • भ्रूण का नष्ट हो जाना
  • चेहरे पर कील-मुंहासे


स्रोत:

  • अंकुरित अनाज
  • सोयाबीन का तेल
  • हरी सब्जियां 
  • मांस


विटामिन-K (Pyloquinone) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • रक्त का थक्का न बनना
  • हीमोफीलिया

स्रोत:

  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • पनीर
  • सोयाबीन


विटामिन-P (बायोफ्लैवेनॉइड्स) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • रक्त वाहिनी शिराओं की मजबूती में कमी आ जाना
  • रक्तचाप असामान्य हो जाना

स्रोत:

  • खट्टे-मीठे फल
  • साग-सब्जी


Bottom Line :


दोस्तों, तो ये रहा शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं? (Vitamins In Hindi)। इस आर्टिकल में हम जानें कि वो 13 विटामिन कौन से हैं?, जो हमारे लिए अनिवार्य हैं। उम्मीद है कि Vitamins से संबंधित यह Blog Post आपको पसंद आया होगा। 


विटामिन (Vitamin In Hindi) हमारे स्वस्थ जीवन के लिए एक अनिवार्य कार्बनिक सूक्ष्म पोषक तत्व है। 


तथ्यों से, स्पष्ट है कि विटामिन की खोज मानव जाति के लिए एक महत्वपूर्ण खोज थी। 1912 में, वैज्ञानिकों ने  सिद्ध कर दिया कि विटामिन को संतुलित मात्रा में दैनिक आहार में लेना जरूरी है। 


विटामिन रंगीन फलों तथा हरी पत्तेदार सब्जियों में अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इसे रोज खाना  चाहिए। 


आप रोजाना अपने दैनिक आहार में 5 तरह के फलों और सब्जियों को शामिल करें। इससे शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन की कमी नहीं होगी तथा आप हेल्दी बनें रहेंगे। 


धन्यवाद 


शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से है?

09 मई 2024

केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan

 केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan


Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan
Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan 

दोस्तों, एक बार फिर आपका स्वागत है। डॉक्टर और एक्सपर्ट फल को सेहत के लिए फायदेमंद बताते हैं। परंतु फल नुकसान भी करता है। केला एक ऐसा ही फल है। यह लेख केला खाने के फायदे और नुकसान (Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan) के बारे में है। 

केला  एक स्वादिष्ट, मीठा, पौष्टिक एवं सस्ता फल है। इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं। इसके फल, पत्तियां, बीज और जड़ सभी के फायदे हैं। केला कार्बोहाइड्रेट और विटामिन- बी का उच्च स्त्रोत है। यह हार्ट, उच्च रक्तचाप, अल्सर, गठिया और पेट के लिए फायदेमंद होता है।

केला में पोटेशियम 9% होता है, जो शरीर को नुकसान भी करता है। इसमें लैटेक्स होता है। यह एलर्जी उत्पन्न कर शरीर में सूजन, दर्द, सर्दी-खांसी और सांस की बीमारियों को पैदा करता है। इसे ज्यादा खाने से मोटापा, कब्ज होता है।


केला का वैज्ञानिक नाम मूसा पारादेसिका (Musa paradesica) है। यह कुल-मूसासी (Family-Musaceae) का एक घासदार पौधा है। भारत में केला, उत्पादन में पहले स्थान पर और फलों के क्षेत्र में तीसरे नंबर पर है। 

भारत के अंदर महाराष्ट्र राज्य में केले की सर्वोच्च उत्पादकता है। केले का उत्पादन करने वाले अन्य राज्य जैसे कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश और आसाम है। 

केले से विभिन्न तरह के उत्पाद जैसे चिप्स, केला प्यूरी, जैम, जैली, जूस आदि बनाये जाते हैं। केले के फाइबर से बैग, बर्तन और वॉली हैंगर जैसे उत्पाद बनाये जाते हैं।

तो आइए इस ब्लॉग पोस्ट "केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan" में जानें, केला के बारे में।  


केला के बारे में कुछ रोचक तथ्य-Some Facts About Banana In Hindi 

  • फल का नाम : केला (Banana)
  • वनस्पति नाम : मूसा पारादेसिका (Musa paradesica) 
  • कुल : मूसासी (Family-Musaceae) का एक घासदार पौधा 
  • फल का प्रकार : स्वादिष्ट, मीठा, पौष्टिक, उपयोगी एवं सस्ता 
  • उपलब्धता : पूरे साल, आसानी से हर जगह 
  • डॉक्टरों के अनुसार : केला खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलता, जल्दी पच जाता और कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
  • मूल निवासी : दक्षिण पूर्व एशिया के उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र इंडोमाल्या और ऑस्ट्रेलिया। 
  • सबसे पहले खेती : संभवतः  पपुआ न्यू गिनी 
  • उपज : वर्तमान में 135 देशों में, लगभग सभी उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में। 
  • उत्पादन : भारत और चीन में सबसे ज्यादा। 
  • प्रसिद्धि : भारत में प्राचीन काल से स्वादिष्ट, पाचक एवं लोकप्रिय फल के रूप में प्रसिद्ध। 
  • खेती : पूरे भारत के लगभग सभी प्रांतों में।

केला का पोषण मूल्य-Nutrition Value Of Banana In Hindi 


प्रति 100 ग्राम पक्का केला में पोषक तत्वों की मात्रा:

मैक्रोन्यूट्रीएंट्स (Macronutrients):

  • ऊर्जा                 :  88 किलो कैलोरी
  • कार्बोहाइड्रेट     :  23 ग्राम 

                    - आहारीय रेशा  :  02.6 ग्राम  

                    - शर्करा            :  12 ग्राम

  • प्रोटीन              :  01.1 ग्राम
  • वसा                 :  300 मिलीग्राम 
- संतृप्त वसा     :  100 मिलीग्राम
- बहु असंतृप्त वसा  :  100 मिलीग्राम 

 

सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) :

  • विटामिन (Vitamins) :
- विटामिन A          :  64 IU
- विटामिन B6        :  400 माइक्रोग्राम
- नियासिन             :  665 माइक्रोग्राम
- पैंथोथेनिक एसिड :  334 माइक्रोग्राम
- थायमीन              :  31 माइक्रोग्राम
- विटामिन C          :  8.7 मिलीग्राम
- विटामिन K          :  1% 
  • खनिज लवण (Mineral Salts) :
- कैल्शियम      :  5 मिलीग्राम
- मैग्निशियम     :  27 मिलीग्राम
- सोडियम       :   01 मिलीग्राम
- पोटैशियम    :   358 मिलीग्राम
- फॉस्फोरस   :   22 मिलीग्राम
- लौह तत्व     :   300 माइक्रोग्राम
- तांबा           :   78 माइक्रोग्राम
- जिंक          :   115 माइक्रोग्राम
- सेलेनियम   :    01 माइक्रोग्राम
 

  केला का वर्गीकरण-Cassification Of Banana

हिन्दी में:

  • जगत             :  पौधे
  • उप जगत       :  ट्रेकिओबाओन्टा (संवहनी पौधे)
  • महाविभाजन   :  स्पेर्मेटोफाइटा बीज पौधे
  • विभाजन         :  मैग्नोलिओफाइटा पुष्पीय पौधे
  • वर्ग                :  लिलिओप्सिड (एक बीज-पत्री)
  • उप वर्ग          :  ज़िंगबेरीडी
  • गण               :   ज़िंजिबेरेल्स
  • कुल              :   मूसासी
  • वंश               :   मूसा
  • प्रजाति           :   मूसा पारादेसिका
# केला की वंश-मूसा (Genus- Musa) की अभी तक 70 ज्ञात प्रजातियां हैं। 
# इसमें से 2 प्रजातियां संकर प्रजातियां (Hybrid Species) हैं-  
M. balbisiana  
M. sapientum

English में :

  • Kingdom          :  Plantae (Plants)
  •  Subkingdom    :  Tracheobionta  (Vascular Plants)
  • Super division :  Spermatophyta (Seed Plants)
  • Division           :  Magnoliophyta (Flowering Plants)
  • Class              :  Liliopsida (Monocotyledons)
  • Subclass.       : Zingiberidae
  • Order             :  Zingiberales
  • Family            :  Musaceae
  • Genus            :  Musa
  • Species          :  M. paradisica,  M. acuminata


विभिन्न भाषाओं में केला के नाम | The Name of Banana  In Different Languages In Hindi


  • हिंदी       :  केला, कदली
  • संस्कृत    :  कदली, वारणा,मोचा, अम्बुसारा, अंशुमतीफला
  • भोजपुरी  :  केला, केरा
  • अंग्रेजी    :  Banana, Plantain, Adam's Fig
  • उर्दू         :  केला
  • बंगाली     :  केला, कोला, कोदली
  • पंजाबी     :  केला, खेला
  • असमिया  :  कोल, ताल्हा
  • उड़िया      :  कोदोली, रानो कोदिली
  • गुजराती    :  केला
  • तेलगू        :  अरटी, कदलम्
  • तमिल      :  कदली, वलई
  • कन्नड़      :  बालेहन्नु
  • मलायम   :  वला, क्षेत्र कदली, कदलम
  • मराठी     :  केला, कदली
  • अरबी     :  शाजरातुल्तहल (Shajratultahl)
  • फारसी    :  तुहलतुला, मौज


 जानें केला के पेड़ के बारे में- Know About Bananas Tree In Hindi


 तना (Stem):

  • केला का तना वास्तविक तना नहीं होता है।
  • इसलिए इसे "छ्द्मतना (Pseudostem) कहते हैं।
  • मोटा, चिकनी एवं सीधा ।
  • ऊंचाई: 2 - 8 मीटर तक।
  • फल लगने के बाद छ्द्मतना सूख कर मर जाता है। 
  • फिर दूसरा छ्द्मतना उसके जड़ से निकलने लगता है, जिसमें फल लगता है।

 फल (Fruit) :

  • मुख्य रूप से  केले की खेती फल के लिए ही की जाती है।
  • केले का फल गुच्छों में कतारबद्ध लगते हैं। गुच्छे के एक कतार में 3-20 केले होते हैं।
  • बाहरी परत में छिलका होता है तथा भीतर के मांसल भाग को खाया जाता है।

रंग (Color) :

  • कच्चा  :  हरा
  • पक्का : पिले, लाल, हरा, भूरा एवं बैगनी। अलग-अलग प्रजातियों में अलग-अलग रंग के।

वजन (Weight) :

  • फल का औसत वजन : 125 ग्राम
  • गुच्छे का वजन : 30-50 किलोग्राम तक
  • फल में जल की मात्रा : 75 %


आयुर्वेद के अनुसार केला के बारे में-About Banana According To Ayurveda


भावप्रकाश निघंटु में श्री भाव प्रकाश मिश्रा केला (कदली) के बारे में लिखें हैं-


कदली    वारणा   मोचाम्बुसारांशुमतीफला ।

मोचाफलं स्वादु शीतं विष्टम्भि कफनुद गुरु ।।


स्निग्धं पित्ताश्त्रतृड्दाहक्षतक्षयसमीरजित् ।

पक्कं स्वादु हिमं पाके स्वादु वृष्यञ्च बृंहणम् ।।

क्षुत्तृष्णानेत्रगदहृन्मेहघ्नं        रूचिमांसकृत ।। 


अनुवाद हिंदी में :-

केला के संस्कृत में नाम हैं- कदली, वारणा, मोचा, अम्बुसारा तथा अंशुमतीफला।

कच्चे केला :  स्वादिष्ट, शीतल, विष्टम्भक, कफकारक, गुरु (भारी), स्निग्ध (चिकना), पित्तनाशक, रक्तविकार को दूर करनेवाला, प्यास, दाह, क्षत, क्षय तथा वात को दूर करने वाला होता है।

पक्का केला : स्वादिष्ट, शीतल, विपाक में मधुर रसयुक्त, वृष्य (वीर्यवर्धक), बृंहण (रस-रक्तादिवर्धक), रुचि तथा मांस को बढ़ाने वाला एवं भूख प्यास नेत्र रोग तथा प्रमेह नाशक हैं।


केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan 

फल खाने के फायदों से इनकार नहीं किया जा सकता है।  लेकिन फल खाने से हमारे सेहत को नुकसान भी हो सकता है। 

बेशक केला एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है। परंतु केला खाने के फायदे और नुकसान दोनों हैं।


कच्चा केला खाने के फायदे :


  • कच्चा केला पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण काफी फायदेमंद। 
  • प्रचुर मात्रा में रेशा के कारण पाचन क्रिया को ठीक करता है।
  • कच्चे केला में पाए जाने वाला पोटैशियम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान कर शरीर को सक्रिय बनाए रखता है।
  • इसमें उपस्थित आहारीय रेशा शरीर की वसा को कम कर मोटापा का नियंत्रण करता है।
  • अन्य पदार्थों के साथ मधुमेह में प्रयोग।

कच्चा केला के उपयोग:

  1. सब्जी बनाने में।
  2. चिप्स बनाने में।

पक्का केला खाने के फायदे:

  • पक्का केला मिट्ठा, स्वादिष्ट एवं ठंडे प्रकृति (तासीर) का होता है।
  • इसमें पोषक तत्व- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामि-सी, विटामिन बी-6 और खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • यह हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है।
  • रक्त की अम्लता को कम करता है।
  • पाचन क्रिया में सुधार करता है।
  • अतिसार एवं पेचिश में लाभदायक।
  • आंव - मल, पेचिश एवं आंतों की अल्सर में दूध में घोलकर पीने से लाभ होता है।
  • बच्चों की पतले दस्त को ठीक करता है।
  • शरीर को तुरंत ताकत देता है।
  • शरीर की वजन को बढ़ाता है।
  • गुर्दे और शरीर को मजबूत बनाता है।
  • सुखी खांसी एवं दमा में लाभदायक।
  • गले की खराश को दूर करता है।

केला के फायदे - Health Benefits Of Banana In Hindi 

  • केला स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। 
  • इसके कच्चे फल, पक्के फल, पत्तियां एवं जड़ सभी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। 
  • इसका प्रयोग घरेलू चिकित्सा के रूप में सदियों होता आ रहा है।
  • यहां कुछ परीक्षित नुस्खों का वर्णन दिया जारहा है। इसका प्रयोग करने पर आपको स्वास्थ्य लाभ होगा।

1. पीलिया (Jaundice) में केला खाने के फायदे

  • एक साबूत बिना छिला हुआ पक्का केला लें।
  • उसके ऊपर बुझा हुआ चुना (पान में खाने वाला चुना) लगाकर खुले आसमान के नीचे ओस  में रख दें।
  • सुबह इसे छिलकर खाली पेट पीलिया (Jaundice) के रोगी को खाने को दें।
  • इसका प्रयोग लगातार 7 - 21 दिनों तक करने पर Jaundice ठीक हो जाता है।

2. रक्ताल्पता (Anaemia) में केला के फायदे

  • केला में प्रचुर मात्रा में लौह , मैग्निशियम तथा तांबा पाया जाता है। यह शरीर में  हीमोग्लोबिन बनाता है। 
  • नियमित रूप से रोजाना खाना खाने के आधा घंटा बाद पक्का केला खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन (Hb) का निर्माण होता है।
  • जिससे रक्ताल्पता यानी खून की कमी (Anaemia) दूर  जाती है।

3. कब्ज (Constipation) में केला के फायदे

  • नियमित रूप से रोजाना कच्चे केले का सब्जी या भोजन के बाद पक्के केले को अच्छी तरह से चबाकर खाएं। 
  • इससे केला में पाया जाने वाला Dietary Fibre आंतों की सफाई कर कब्ज की  समस्या को ठीक कर देता है।

4. अतिसार, पेचिश एवं संग्रहणी (Diarrhea & Dysentery) में केला के फायदे

  • रोजाना पक्के केले को दही के साथ खाएं। इससे अतिसार, पतला दस्त, पेचिश, आंव,  मल तथा संग्रहणी में बहुत लाभ होगा।
  • पक्के केले को पेड़ा के साथ खाने पर Diarrhea और Dysentery में बहुत लाभ होता है। पेड़ा एक प्रकार का दूध के खोवा से बना मिठाई है। 
  • पेचिश तथा आंतों की बीमारियों में पक्के केले को दूध में घोलकर (Banana Milk Shake) पीना काफी फायदेमंद होता है।

5. अल्सर (आंतों की घाव) में केला के फायदे

  • केला अम्लता को कम कर अल्सर के रोगियों के लिए एक अच्छी औषधि का कार्य करता है।

6. सुखी खांसी (Dry Cough) में केला के फायदे

  • केले का शर्बत सुखी खांसी में लाभदायक होता है।

केले का शर्बत बनाने की विधि :

  • पक्के हुए 5 केले लें। 
इसे छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें ।
  • फिर उसमें थोड़ी  चीनी तथा एक गिलास गर्म पानी मिला दें। 
  • अब बर्तन को बंद कर उसे आग पर थोड़ा गर्म करें।
  • गर्म करने पर वह शर्बत बन जाएगा।
  • इस शर्बत को हल्का गर्म ही सुखी खांसी के रोगी को नियमित रोजाना सुबह-शाम पीने से  बहुत लाभ होगा।


7. दमा (Asthma) में केला के फायदे


  • एक छिलका सहित पक्का केला लें। उसे काट कर छोटा-छोटा टुकड़ा कर लें।
  • टुकड़ों में नमक और काली मिर्च का पाउडर लगाकर रात को खुले आसमान में रख दें।
  • सुबह टुकड़ों को आग पर भून कर दमा के रोगी को खाने को दें।
  • इस विधि से केला के सेवन से दमा के रोगी को बहुत लाभ होते देखा गया है।


8. श्वेतप्रदर (Leukorrhea) में केला के फायदे


श्वेतप्रदर यानी ल्यूकोरिया【Leukorrhea in American English and Leucorrhea in British Englis】स्त्रियों में होने वाला एक आम बीमारी  है। इस रोग में केला एक कारगर औषधि का कार्य करता है -


एक पक्का केला को 5 ग्राम शुद्ध देसी घी के साथ प्रतिदिन सुबह व शाम खाने से श्वेतप्रदर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है।


केला को दूध का खीर बनाकर नित्य सुबह व शाम खाने से ल्यूकोरिया में बहुत लाभ होता है।


रोजाना 2 केले को भोजन के बाद खाना भी श्वेतपरर में फायदेमंद होता है। ऐसा मेरे रोगियों पर मेरा अनुभव है।


9. चेहरे पर केले के प्रयोग के फायदे


एक पक्का केला को टुकड़ा कर इसे शहद में मिलाकर पेस्ट (Paste) बना लें। इस Paste को आंखों और इसके आस-पास के भाग को छोड़कर चेहरे पर लगाकार कुछ देर छोड़ दें। फिर चेहरे को पानी से साफ कर लें।


फायदे :


चेहरे पर चमक आ जायेगी।

चेहरे में कसाव आएगा अर्थात् चेहरा Tone- up हो जाएगा।

केले और शहद के इस पेस्ट को चेहरे पर नियमित प्रयोग से चेहरे का झुर्रियां भी खत्म हो जायेगा।


10. कृशता (दुबलापन) में केला के फायदे:


रोजाना लगातार दो केले को एक गिलास दूध के साथ एक से डेढ़ माह तक खाएं। इससे शरीर का वजन बढ़ कर कृशता (दुबलापन) दूर हो जाएगी। मोटा होने का यह अचूक प्रयोग है।


11. बच्चों की मिट्टी खाने की आदत:


एक-दो खूब पक्का हुआ केले को शुद्ध देसी घी में तल दें। फिर उसे शहद में मिलाकर मिट्टी खाने की आदत वाले बच्चा को खिला दें।


कुछ ही दिनों में उस बच्चे की मिट्टी खाने की आदत छूट जाएगा।


केला खाने से नुकसान-Side Effects Of Eating Banana In Hindi


अभी तक हमलोगों ने केला खाने के फायदे को देखेंl परंतु क्या आप जानते हैं कि कच्चे, अध-पक्के, बहुत पक्के या बहुत ज्यादा केला खाने से नुकसान भी होता हैl


वैसे तो केला खाने से कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं होती है फिर भी किसी-किसी को केला खाने से निम्नलिखित स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं-


एलर्जी


सर्दी-खांसी 


जुकाम


दमा रोगियों के लिए नुकसानदायक


सिरदर्द 


सांस लेने में कठिनाई


डकार


पेट का फूलना


सूजन


कब्ज


उल्टी


पेट में 

दर्द या ऐंठन


पेट में जलन


मतली


पतला दस्त 


दानें


संवेदशीलता


रक्त शर्करा में वृद्धि


मोटापा


दांत संबधित समस्या


नींद की  कमी इत्यादि।


अस्वीकरण (Disclaimer) :

इस ब्लॉक पोस्ट में सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए जानकारी दी गई है। 

 निष्कर्ष: 


हमलोग इस आर्टिकल केला खाने के फायदे और नुकसान- Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan को  देखा।इस पोस्ट में आप जानें कि बेसक केला एक स्वादिष्ट, मीठा, पौष्टिक, लोकप्रिय  एवं सस्ता फल है।  एक तरफ केला खाने के कई फायदें हैं, तो दूसरी तरफ यह नुकसान भी कर सकता है। इसलिए केला को अपने शरीर की प्रकृति और स्वाथ्य की स्थिति के अनुसार खाएं। आप केला को कब और कैसे खाएं, बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से राय ले लें।

धन्यवाद ...  

Kela Khane Ke Fayde Aur Nuksan



04 मई 2024

जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे-Oats Khane Ke Fayde In Hindi


Oats Khane Ke Fayde In Hindi
Oats Khane Ke Fayde In Hindi


दोस्तों, आपका स्वागत है। आप ओट्स का नाम अवश्य सुने होंगे। परंतु क्या आप ओट्स खाने के फायदे को जानते हैं।  इस लेख में हम Oats Khane Ke Fayde In Hindi के बारे में जानेंगे। ओट्स (Oats) को हिंदी में जई (Jaee) कहते हैं। इसका वनस्पति नाम एवेना सैटिवा एल (Avena sativa L)   है। इसमें उच्च स्तरीय विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर एवं एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता। रोजाना 30-40 ग्राम ओट्स खाने से शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं। ओट्स इम्युनिटी को बढ़ाकर शरीर की रक्षा करता है। फ्री रेडिकाल के प्रभाव को काम करता है। मोटापा, हृदय रोग, कैंसर, डायबिटीज जैसे घातक बीमारियों से बचाता है। 


Oats
Oats 


ओट्स (Oats In Hindi) को पहले घास और जानवरों का चारा समझा जाता था। परंतु आज पूरी दुनिया इसे   सुपरफूड मान रही है। क्योंकि इसमें कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। प्राकृतिक रूप से ओट्स ग्लूटेन फ्री होता है। यह शरीर को खतरनाक बीमारियों से बचाकर, स्वस्थ व तंदुरुस्त बनाता है। आप इसे नाश्ते में शामिल कर दिनभर Energetic और Healthy बने रहेंगे। ओट्स के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, परंतु यह किसी-किसी को नुकसान भी करता है। इस ब्लॉग पोस्ट जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे - Oats Khane Ke Fayde In Hindi में ओट्स की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।


जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे - Oats Khane Kayde In Hindi


आज  हमारी जीवनशैली और खानपान में अनियमितता बढ़ती जा रही है। शरीर की Immunity कमजोर हो रही है। मोटापा, हृदय रोग और कैंसर जैसी जीवनशैली बीमारियां हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौती है। हड्डी, त्वचा, बालों और पेट आदि की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में हमें एक ऐसे Healthy Diet की जरूरत है, जो हमें इन  परेशानियों से निजात दे सके। ओट्स (Oats In Hindi) एक ऐसा ही हेल्थी अनाज  है। यह हमारे लिए कुदरत का एक वरदान है। तो आइए जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे (Oats Khane Ke Fayde In Hindi) को। 

आवश्यक पोषक तत्वों का एक बेहतरीन श्रोत: 

ओट्स हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का एक बेहतरीन श्रोत है। आहार विशेषज्ञ ओट्स  को  प्रोटीन और ऊर्जा का मुख्य स्रोत मानते हैं। समें कई प्रकार के विटामिंस, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट और  फाइबर पाया जाता है। यह Gluten Free होता है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह Immunity को मजबूत कर Free  Radicals के प्रभाव को कम कर शरीर की रक्षा करता है।


सेहत के लिए फायदेमंद :

हमारे सेहत के लिए ओट्स बहुत फायदेमंद होता है। 

  • ओट्स Cholesterol, Blood Pressure और Blood Sugar के Level को नियंत्रित करता है। 
  • वजन को नियंत्रित करता है। 
  • यह  इम्युनिटी  को मजबूत कर शरीर की रक्षा करता है।
  • यह हमें मोटापा, हृदय रोग, कैंसर, डायबिटीज जैसे घातक बीमारियों से बचाता है। 
  • कब्ज को दूर Digestion को ठीक रखता है।
  • Brain एवं Thyroid के Functions को Healthy बनाता है।
  • बालों  और स्किन के लिए फायदेमंद। 
  • बच्चों गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद। 
  • इसमें Anti-Inflammatory गुण होता है। 
  • यह घुलनशील फाइबर का एक अच्छा श्रोत है। जिसमें बीटा-ग्लूकॉन होता है, जो ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम कर इंसुलिन को नियंत्रित करता है। 

इस प्रकार से ओट्स के कई फायदे हैं। इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें ओट्स में उपस्थित पोषक तत्वों और ओट्स के प्रकार को जानना होगा। इससे पहले आइए जानें कि ओट्स क्या है ?

ओट्स क्या है-Oats Kya Hai

 ओट्स गेहूं, जौ, मक्का और मिलेट की तरह एक हेल्थी अनाज (Cereal) है।ओट्स (Oats) को हिंदी में जई (Jaee) कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम एवेना सैटिवा एल (Avena sativa L) है। यह Poaceae grass family का एक पौौधा है।

अंग्रेजी शब्द Cereal (सीरिअल) अनाजों की रक्षा करने वाली रोम की देवी Ceres (सीरस) से बना है। और वास्तव में ओट्स एक ऐसा Cereal (अनाज) है, जो हमें बीमारियों से रक्षा कर शरीर को स्वस्थ व तंदुरुस्त बनाता है।

“जई” (Oats) देखने में “जौ” (Barley) की तरह लगता है। परंतु दोनों अलग-अलग अनाज है। ओट्स के कई स्वास्थ्य लाभ तथा अन्य उपयोग हैं। यह किसी-किसी को नुकसान भी करता है। यह बाजार में आसानी से मिलता है। ओट्स  के कई प्रकार और ब्रांड्स मार्केट में उपलब्ध है।


ओट्स के प्रकार-Types of you in in Hindi

मार्केट में कई प्रकार के अलग-अलग ब्रांड्स के ओट्स मिलते हैं। ओट्स को सही तरीके से बनाने और इसके प्रयोग विधि के लिए, इसके प्रकारों को जानना जरूरी है। ओट्स निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

1. कच्चा जई-Raw Oats in Hindi

गेहूं की तरह ओट्स की कटाई की जाती है। उस समय उसमें डंठल और अनाज के दाने दोनों होते हैं। ओट्स के इस नयी फसल को कच्चा जई (Raw Oats) कहते हैं।

2. ओट्स ग्रोट्स- Oats Groats in Hindi

ओट्स के अनाज के दानों का उपयोग किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले इसे डंठल से अलग कर दिया जाता है। दाना कठोर छिलका (Hull) से घिरा होता है, जिसे जानवर पचा लेते हैं, लेकिन इंसान नहीं। इसलिए इसे  छीलकर हटा दिया जाता है।

इस बिना छिलका वाले ओट्स के साबुत अनाज (Whole Grain Oats) को ओट्स ग्रोट्स (Oats Groats)  कहते हैं। यह ओट्स का मूल रूप है। इससे शरीर को बहुत ज्यादा ऊर्जा मिलती है तथा सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। परंतु इसको पकाने में  लगभग 1 घंटा समय लगता है।

3. स्टील कट ओट्स-Steel Cut Oats in Hindi

ओट्स ग्रोट्स जल्दी पक जाए, इसके लिए इसे स्टील के ब्लेड से 2-3 टुकड़ों में काट दिया जाता है। इसे Steel Cut Oats या  Irish Oatmeal कहते हैं। यह बहुत फायदेमंद होता है। यह 20-30 मिनट में पक जाता है

4.स्कॉटिश जई का दलिया-Scottish Oatmeal In Hindi

स्कॉटिश जई का दलिया (Scottish Oatmeal) सदियों पुरानी एक ओट्स का प्रकार है। इसे बनाने के लिए Whole Oats Groats को  पत्थर से मोटा दरदरा पीस दिया जाता है। इससे यह छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट कर Creamy Colour का हो जाता है।

5. रोल्ड ओट्स- Rolled Oats in Hindi

रोल्ड ओट्स को बनाने के लिए सबसे पहले Oats Groats को भाप में पकाते हैं। फिर इसे बेलन (Roller) से बेलकर चपटा (Flat) कर दिया जाता है।


इस विधि से बने ओट्स को  “रोल्ड ओट्स” (Rolled Oats) या  “लुढ़का हुआ ओट्स” कहते हैं। यह सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है और 10-15 मिनट में पक जाता है।

रोल्ड ओट्स सबसे पुरान और उच्च गुणवत्ता वाला ओट्स है। यह विटामिंस से भरपूर, चपटा और अनियमित आकार का होता है। रोल्ड ओट्स का निर्माण कई सारी कंपनियां करती हैं। यह कई प्रकार के होते हैं।

रोल्ड ओट्स के प्रकार-Types Of Rolled Oats In Hindi

रोल्ड ओट्स 3 प्रकार के होते हैं-

I. पुराने जमाने के जई- Old–Fashioned Oats In Hindi

Oats Groats को भाप में पकाया जाता है। फिर इसे बेलन (Roller) से चपटा कर कुटा जाता है। यह 5 मिनट में पक कर तैयार हो जाता है।

Ii. त्वरित ओट्स- Quick-Cooking Oats In  Hindi

इसे बनाने के लिए सबसे पहले साबुत ओट्स को पकाते हैं। फिर इसे सूखा कर छोटे- छोटे टुकड़ों में कटा जाता है। इसके बाद इसे Roller से Old–Fashioned Oats से भी पतला चपटा कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया से बना ओट्स मात्र 1 मिनट में पक जाता है इसलिए इसे त्वरित ओट्स (Quick-Cooking Oats) कहते हैं।

Iii तुरंत या तत्काल ओट्स-Instant Oats In Hindi

Quick-Cooking Oats की तरह, पहले ओट्स ग्रोट्स को पका कर सुखाते हैं। इसके बाद इसे पतला-पतला काट कर रोल किया जाता है। यह तुरंत पक जाता है। इसलिए इसे तुरंत या तत्काल ओट्स (Instant Oats) कहते हैं।

बाजार में बिकने वाले ओट्स के प्रकार :

प्रायः स्टील कट ओट्स और रोल्ड ओट्स दो प्रकार के ओट्स मार्केट में मिलते हैं। परंतु इसके तथा अन्य प्रकारों के अलावा ओट्स के कुछ और भी प्रकार हैं। जिसका स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्व है। वे हैं-

  1. दलिया (Oatmeal)
  2. जई का आटा (Oat Flour)
  3. जई का चोकर (Oats Bran)

 

1. जई का दलिया-Oatmeal in Hindi

  • जई का दलिया, दरदरा पिसा हुआ जई का आटा होता है।
  • इसे अंग्रेजी में Oatmeal कहते हैं।

निर्माण विधि:  

  • ओट्स के साबुत अनाज के दानों को कूटकर भूसी को उतार ली जाती है।
  •  फिर इसकी सेंकाई की जाती है।
  •  इसके बाद इसे मोटा-मोटा पीस कर इसका दरदरा आटा बनाते हैं।

 

2. जई का आटा-Oat Flour In Hindi

  • गेंहू की तरह ओट्स ग्रोट्स को आटा चक्की में बारीक महीन पीसा जाता है।
  • जिसे जई का आटा (Oat Flour) कहते हैं। 

 

ओट्स की दलिया और आटा में अंतर:

  •  इन दोनों में थोड़ा-सा अंतर है। 
  • दलिया मोटा दरदरा पीसा होता है, तो आटा बारीक महीन।


3. जई का चोकर-Oat Bran in Hindi

  • जई का चोकर (Oat Bran) दूसरे अनाजों (जैसे- गेहूं आदि) की तरह चोकर (Bran) ही है।
  • यह Whole Grains तो नही हैं, परंतु बहुत फायदेमंद होता है।

नोट:  सभी प्रकार के ओट्स न्यूट्रीशन में लगभग समान होते हैं। आप अपने पसंद के हिसाब से कोई भी ओट्स खा सकते हैं।


ओट्स में पोषक तत्वों की मात्रा - Nutritional Content of Oats In Hindi 

 मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients)

    • ऊर्जा : 1,628 कि. जूल (389 कि. कैलोरी)
    • कार्बोहाइड्रेट्स : 66.30 ग्राम
  - स्टार्च  : 85 % 
  - आहारीय रेशा   : 11 %
  - शर्करा (सुक्रोज) : 01 %
    •  वसा  : 6.90 ग्राम

           - संतृप्त वसा (Saturated Fats) : 1.21 ग्राम

           - एकल असंतृप्त वसा  (Mono Unsaturated Fats)   :  2.18 ग्राम

          - बहु असंतृप्त वसा  : 2.54 ग्राम

    •  प्रोटीन : 16.90 ग्राम

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स  (Micronutrients)

    •  विटामिन (Vitamins) :

             - विटामिन-बी 1 : 763 मा.ग्रा.

             - विटामिन-बी 2 : 139 मा. ग्रा.

             - विटामिन-बी 3 : 961 मा. ग्रा.

             - विटामिन-बी 5 : 1.349 मि.ग्रा.

             - विटामिन-बी 6 : 120 मा.ग्रा.

             - विटामिन-बी 9 : 56 मा.ग्रा.

    • खनिज लवण (Minerals) :

            - कैल्शियम (Ca) : 54 मि.ग्रा.

            - आयरन (Fe) : 05 मि.ग्रा.

            - मैग्नीज (Mn)   : 04.9 मि.ग्रा.

            - मैग्निशियम (Mg) : 177 मि.ग्रा.

            - फास्फोरस (P)  : 523 मि.ग्रा

            - पोटैशियम (K)  : 429 मि.ग्रा.

            -  सोडियम (Na)  : 02 मि.ग्रा.

            - जिंक (Zn)    : 04 मि.ग्रा.

    •  अन्य घटक (Other Constituents) :

             घुलनशील रेशा (Soluble Fiber) :

               - बीटा-ग्लूकॉन (β-glucans) : 4 ग्रा.

             खनिज (Mineral):

               - सेलेनियम (Se) : अल्प मात्रा में

            एंटीक्सीडेंट्स (Antioxidants):

             # एवेनथ्रामाइड्स  (Aventhramides)

             # फेरुलिक एसिड (Ferulic Acid)

             # फायटिक एसिड (Phytic Acid)


ओट्स के पोषक तत्वों के फायदे-Benefits of Oats Nutrients In Hindi

ओट्स एक  ग्लूटेन फ्री, पौष्टिकता से भरपूर और स्वास्थ्यप्रद अनाज है। इसमें मौजूद पोषक तत्व हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। तो आइए ओट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के फायदे के बारे में जानें…


 कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates):


  • वैसे तो ओट्स में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा लगभग 66% होती है। फिर भी यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
  • डायबिटीज के मरीज भी ओट्स को खा सकते हैं। जानते हैं क्यों? क्योंकि ओट्स में सुक्रोज (चीनी) की मात्रा सिर्फ 1% होता है। शेष Complex Carbohydrates होते हैं।
  • यह देर से पचता है और शरीर को धीरे-धीरे ऊर्जा (Sustained Energy) मिलती है।

आहारीय रेशा (Dietary Fiber):

  • ओट्स में एक विशेष प्रकार का घुलनशील डायटरी फाइबर Beta-glucan होता है। इसे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
  • यह LDL और Total Cholesterol के Level को कम कर ब्लड प्रेशर का नियंत्रण करता है।
  • Insulin के Secretion को बढ़ा कर Blood Suger Level को कम करता है।
  • आंत के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ा कर पाचन-क्रिया को ठीक करता है।
  • यह देर से पचता है, जिसके कारण पेट देर तक भरा हुआ लगता है तथा भूख कम लगता है।

प्रोटीन (Protein):

  • ओट्स में 11-17 % प्रोटीन होता है। इतना ज्यादा प्रोटीन किसी दूसरे अनाज में नहीं होता है।
  • इसमें Legume protein के जैसा 80% Avenalin होता है। जो किसी भी दूसरे अनाज में नहीं होता है।

वसा (Fats):

  • ओट्स में वसा की मात्रा लगभग 7% होता है।
  • इसमें Unsaturated Fats ज्यादा होता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है।
  • Saturated Fats स्वास्थ्य के लिए खराब होता है। ओट्स में इसकी बहुत कम मात्रा लगभग 1.21% होता है।

विटामिन एवं मिनरल:

  • ओट्स में शरीर के लिए जरुरी और महत्वपूर्ण विटामिन एवं मिनरल होते हैं।
  • यह शरीर को रोगों से रक्षा कर स्वस्थ्य बनाता है।

एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants):

  • ओट्स में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है।
  • यह Free Radicals के दुष्प्रभाव को कम कर शरीर को तंदरुस्ती प्रदान करता है।
  • Aventhramides नामक Antioxidant सिर्फ ओट्स में पाया जाता है।
  • यह Arteries में सूजन को कम, B.P. को नियंत्रित एवं खुजली को ठीक करता है।


ओट्स के फायदे - Health Benefits Of Oats In Hindi

रोजाना ओट्स खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। सुबह नाश्ते में ओट्स खाना को ज्यादा लाभदायक होता है। इससे आदमी दिनभर Energetic रहता है। ओट्स खाने के फायदे का सबसे बड़ा कारण इसका पोषक तत्व है। ओट्स में कुछ खास पोषक तत्व होते हैं, जो दूसरे अनाज में नहीं होते हैं।

ये पोषक तत्व शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत कर हमें बीमारियों से बचाता है। इसलिए ओट्स को Healthy Cereal Grain तथा Super Food कहते हैं। रोजाना ओट्स खाने के फायदे निम्नलिखित हैं। 


1. cholesterol Level का नियंत्रण :


2. Blood Pressure का नियंत्रण : 

 

3. Blood Sugar Level को नियंत्रित कर Type-2 Diabetes में लाभदायक 

 

4. हृदय रोगों  के खतरे को कम करना 

 

5. Free Radicals को कम करना 

 

6. Cancer  की रोकथाम 

 

7. Immunity को बढ़ाकर शरीर को  बीमारियों से बचाना 

 

8. Brain और Thyroids के Functions में महत्वपूर्ण भूमिका 

10. मोटापा को कम करना 

11. कब्ज को दूर करना 

11. पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान कर पेट की रोगों से बचाव 

 

12. ऊर्जा प्रदान कर शरीर को देर तक Energetic  बनाए रखना 

 

13. चेहरे और त्वचा के लिए फायदेमंद 

 

14. कील मुंहासे को ठीक करना 

 

15. एक्ज़िमा, खुजली, त्वचा पर दाने आदि रोगों में लाभदायक 

 

16. बालों को पोषण कर मजबूत व स्वस्थ्य बनाना 

 

17. Brain में Serotonin के Level को बनाये रखना 

 

18. मानसिक तनाव को कम करना 

 

19. Depression  को कम करना 

 

20. अच्छी नींद लाने में मदद करना 

 

21. याददाश्त को ठीक रखना 

 

22.शरीर को Healthy बनाए रखना 

तो दोस्तों, देखा आपने ओट्स खाने के फायदे को। रोजाना ओट्स खाने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यही वह खास वजह है कि आज पूरी दुनिया में जई के दानों (Oats grains) से विभिन  प्रकार के स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन (Recipe) बनाया जाता है।

स्वास्थ्य की दृष्टि से जई के दानें (Oats grains)  ही नहीं, जई के चोकर (Oats bran) भी लाभप्रद हैं। अतः Oats के साबूत अनाज, दानें, दलिया, आटा और चोकर का उपयोग खाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन बना कर किया जाता है।


ओट्स खाने के नुकसान-Side effects of Oats in Hindi


सामान्यतः ओट्स नुकसान नहीं करता है। परंतु  कुछ अवस्था में यह नुकसान कर सकता है-

मात्रा (Dose):

  • ओट्स की कोई निश्चित मात्रा नहीं है।
  • एक  व्यस्क व्यक्ति इसे 30-40 ग्राम प्रतिदिन खा सकता है।
  • परंतु इसको अधिक मात्रा में खाने पर नुकसान कर सकता है।

गुणवत्ता (Quality):

  • Low Quality की ओट्स से थकान, कमजोरी, नींद की समस्या आदि हो सकती हैं।
  • इसलिए ओट्स को खरीदते समय इसकी गुणवत्ता की जांच अवश्य कर लें।

कम पकना (No Well-Chucked) :

  • ओट्स ठीक से न पकने पर  नुकसान कर सकता है।

ग्लूटेन (Gluten):

प्राकृतिक रूप से ओट्स ग्लूटेन रहित भोजन है अर्थात् Naturally Oats are Gluten Free Food है। परंतु  इसकी Processing (तैयारी) के  समय या इसमें मिलावट की वजह से Gluten हो सकता है। इसलिए जिस पैकेज पर Gluten-Free Oats लिखा हो, उसे ही खरीदें।

 ग्लूटेन क्या है-What is Gluten in Hindi 

  • ग्लूटेन एक प्रकार का अघुलनशील प्रोटीन है।
  • यह दो प्रकार के प्रोटीन Gliadin और  Glutenin से मिलकर बना होता है।
  • यह गेहूं, जौ, राई आदि की आटा तथा मैदा में होता है।
  • यह 10 % लोगों को नहीं पचता है, जिससे  Digestive Problem तथा छोटी आंत में “सैलिएक रोग” होता है।


ओट्स बनाने (खाने) का तरीका:


  • ओट्स बनाने के कई तरीके हैं। इसे आप दूध और चीनी में पकाकर या इसका खीर बनाकर खा सकते हैं।
  • इसे दूसरे सब्जियों के साथ भी खा सकते हैं।
  • इसका सुप या दलिया बनाकर खा सकते हैं।
  • इसे दूसरे दालों के साथ मिलाकर इसका खिचड़ी बना सकते हैं।


Disclaimer : 

इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए दी गई है। ओट्स का प्रयोग करने से पहले आप आहार विशेषज्ञ (Dietitian) या डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें। किसी भी प्रकार की दुष्प्रभाव के लिए वेबसाईट healthmottoblog.in जिम्मेवार नहीं है। 

अंत में लेखक की कलम से-Author Site


दोस्तों, I hope यह ब्लॉग पोस्ट, " जानें, रोज ओट्स खाने के फायदे - Oats Khane Ke Fayde In Hindi " आपको पसंद आया होगा। इसमें आप जाने कि ओट्स पोएसी घास परिवार का गेहूं, जौ, मक्का, राई आदि की तरह एक अनाज है। पहले इसे खरपतवार या घास मान कर सिर्फ पशुओं के लिए उपयोग होता था। परंतु ओट्स की कई स्वास्थ्य लाभ के कारण आज लोगों में इसकी लोकप्रियता एवं मांग बढ़ती जा रही है।

प्राकृतिक रूप से ओट्स Gluten Free होता है तथा कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप व रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। यह मोटापा, फ्री रेडिकल  को कम कर हमें हृदय रोग, मधुमेह एवं कैंसर से बचाता है। ओट्स मष्तिष्क, बालों, चेहरा एवं त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। यह हमें ऊर्जा प्रदान कर हमारे शरीर को सेहतमंद बनाती है। यही वजह है कि आज पूरी दुनिया जई (Oats) को हेल्दी अनाज तथा Super Food मान रही है।

अंत में आप से आग्रह है कि इस जानकारी से लाभ उठायें तथा दूसरों को भी Share करें। आपकी उत्तम स्वास्थ्य एवं सुखी जीवन की शुभ कामनाओं के साथ

धन्यवाद…

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