14 जुलाई 2024

शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं? - Vitamins In Hindi

 

शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं - Vitamins In Hindi


13 विटामिन कौन से हैं
13 Vitamins 

दोस्तों, स्वस्थ जीवन में विटामिन की महत्वपूर्ण भूमिका है। शरीर को 13 विटामिन जरूरी है। परंतु क्या आप जानते हैं कि शरीर के लिए आवश्यक 13  विटामिन कौन से है?  विटामिन   जल या वसा में घुलनशील होते हैं। विटामिन- A, D, E   एवं  K वसा में घुलनशील और विटामिन- B Complex   एवं जल में घुलनशील विटामिन हैं। विटामिन- B Complex 8 प्रकार के होते हैं। वे हैं - विटामिन-  B1,   B2,   B3,   B5,   B6,   B7,  B9 और  B12। विटामिन (Vitamins In Hindi) भोजन में उपस्थित एक जटिल कार्बनिक यौगिक है। यह जीवन, स्वास्थ्य,  वृद्धि व  विकास तथा उपापचय के लिए अनिवार्य है। विटामिन की खोज एक महत्वपूर्ण खोज थी। सर्वप्रथम विटामिन शब्द का प्रयोग 1912 में सी. फंक ने किया था। परंतु विटामिन की खोज एफ. जी. हापकिंस ने 1911-12 में की थी।


Vitamins In Hindi
विटामिन 

विटामिन एक Micronutrient है। प्रायः यह शरीर में नहीं बनता, इसे भोजन से प्राप्त किया जाता है। रंगीन फलसब्जियां, दूध, अंडा इत्यादि इसके मुख्य स्रोत हैं। इसकी कमी से रतौंधी, पेलाग्रा, बेरी-बेरी जैसी कई  बीमारियां होती है। इसके अभाव में कोई भी जीव जीवित नहीं रह सकता। शायद इसलिए  Vitamin को हिंदी में प्रजीवक या जीवनी-तत्व कहते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट "शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं?-Vitamins In Hindi" में, विटामिन के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है। यह जानकारी आप के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। तो आइए इसे जानें। 



विटामिन क्या है?- What Are Vitamins In Hindi


विटामिन एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व और रासायनिक रूप से एक जटिल कार्बनिक पदार्थ है। शरीर को जिंदा रखने के लिए भोजन में इसकी थोड़ी मात्रा में उपस्थिति अनिवार्य है।


विटामिन से शरीर को ऊर्जा नहीं मिलती, परंतु कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक है। विटामिन के मुख्य कार्य हैं- 

  • शरीर की रोगों से रक्षा 
  • उपापचयी क्रियाओं का नियमन 
  • एंजाइम का निर्माण 
  • वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक होता है।


प्रायः विटामिन शरीर में नहीं बनता है। इसलिए इसे भोजन से प्राप्त किया जाता है। फल, सब्जी, दूध अंडा इसके मुख्य स्रोत हैं।


विटामिन की कमी से शरीर में कई बीमारियां होती है,  जैसे- रतौंधी, बेरी-बेरी, पेलाग्रा इत्यादि। 


यदि विटामिन की कमी से होने वाले बीमारियों का इलाज समय नहीं किया जाय तो यह यह जानलेवा भी हो सकता है। शायद इसलिए Vitamin को हिंदी में प्रजीवक या जीवनी-तत्व कहा जाता है।


शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं?-Vitamins In Hindi 


मुख्य रूप से विटामिन 6 प्रकार का होता है- विटामिन- A, B, C, D, E और K

विटामिन- B समूह में पाया जाता है। सामुहिक रुप से इसे विटामिन- बी कॉम्प्लेक्स कहते हैं। 

विटामिन- बी कॉम्प्लेक्स  8 प्रकार के होते हैं- विटामिन- B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9 और B12 । 

विटामिन- P एक नया विटामिन है। इसे विटामिन माना जाये या नहीं, अभी यह एक विवादित मामला है।

इस प्रकार विटामिन-P के अलावा, शरीर के लिए आवश्यक 13 Vitamins हैं- 
 विटामिन- A,  B1 B2,  B3 B5 B6 B7 B9 B12 C D,  E और K । 


विटामिन की खोज-Discovery Of Vitamin In Hindi


VITAMIN DISCOVERY
विटामिन की खोज 

  • विटामिन की खोज एक महत्वपूर्ण खोज थी। 
  • वैज्ञानिकों ने 1912 में साबित कर दिया कि भोजन में थोड़ी मात्रा में विटामिन का होना अनिवार्य है।
  • सर्वप्रथम विटामिन शब्द का प्रयोग पोलिश वैज्ञानिक सी. फंक ने 1912 में किया था। परंतु विटामिन की खोज ब्रिटिश वैज्ञानिक सर एफ. जी. हापकिंस ने 1911-12 में की थी।
  • विटामिन हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है।
  • परंतु विटामिन की खोज के पहले चिकित्सा वैज्ञानिक भोजन के 4 अवययों- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा तथा खनिज-लवण को ही आवश्यक पोषक तत्व मानते थे।
  • फिर उन्होंने देखा कि पर्याप्त मात्रा में इन पोषक तत्वों को भोजन में लेने पर भी, मनुष्य कई रोगों से ग्रसित हो जाता है। आखिर क्यों ? इसकी खोज के लिए वे प्रयोग एवं शोध कार्य करते रहे।


कैदियों, गोताखोरों तथा पर्वतारोहियों पर किया गया प्रयोग:

  • एक शोध के क्रम में दो वैज्ञानिक सर एफ. जी. हॉपकिन्स तथा क्रिश्चियान एईकमैन ने कैदीयों, गोताखोरों तथा पर्वतारोहियों पर  एक प्रयोग किये।
  • वे कई वर्षों तक इनको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज-लवण एवं पानी को खाने को दिया। 
  • फिर उनके स्वास्थ्य की जांच किये तो पाये कि वे सभी किसी न किसी रोग से ग्रसित हैं। 
  • इसके बाद इन दोनों वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि भोजन में कुछ पोषक तत्वों की कमी के कारण वे रोग ग्रसित हो गए थे। उन अज्ञात पोषक तत्वों को बाद में “विटामिन” कहा गया। 
  • इस खोज के लिए 1929 में इन दोनों वैज्ञानिकों को एक साथ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


पशुओं की आहार पर किया गया प्रयोग:

  • सर एफ.जी. हॉपकिन्स ने पशुओं के आहार में शुद्ध प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज-लवण और पानी दिया। परंतु पशुओं का वृद्धि नहीं हो रहा था।
  • इसलिए उन्होंने पशुओं की वृद्धि एवं उनकी अस्तित्व के लिए उनके सामान्य आहार में आवश्यक अज्ञात पदार्थ को देने का सुझाव दिया।
  • 1912 में, Sir F. G. Hopkins ने पशुओं के आहार पर किए गए प्रयोगों को प्रकाशित किये। वे इन अज्ञात काल्पनिक पदार्थों को गौण खाद्य कारक (Accessory Food Factor) कहे।
  • फिर 1912 में ही C.Funk ने इसका Vitamine (विटामाईन) नाम दिया।
  •  परंतु 1920 में, Cecil Drummond ने Vitamine में से अंतिम अक्षर "e" को हटाकर "Vitamin" (विटामिन) कर दिया।

"विटामिन" शब्द की उत्पत्ति- Origin Of  The Word "Vitamin" In Hindi


  • Vitamin (विटामिन) शब्द की उत्पत्ति मूल शब्द  Vitamine (विटामाइन) से हुआ है।
  • जिसका प्रस्ताव 1912 में पोलिश जैव रसायनज्ञ कैसीमिर फंक (Polish Biochemist Casimir Funk) ने किया था।
  • "Vitamine" में लैटिन शब्द  "Vita" का अर्थ "Life" (जीवन) होता है। 
  • "amine" शब्द को नाइट्रोजन युक्त पदार्थ के लिए प्रत्यय (Suffix) के रूप में किया जाता है।
  • उस समय वैज्ञानिकों की सोच थी कि सभी विटामिन "amine" अर्थात नाइट्रोजन युक्त होते हैं। 
  • परंतु 1920 में ब्रिटिश वैज्ञानिक Sir Jack Cecil Drummond ने पता लगाया कि, सभी विटामिन में अमाइन समूह (amine group) नहीं होता है। 
  • इसलिए उन्होंने अमाइन संदर्भ को समाप्त कर, "Vitamine" शब्द में से अंतिम अक्षर "e" को हटाने का प्रस्ताव किया।
  • इस खोज के बाद देखा गया कि Vitamin-c में कोई amine group नहीं है।
  • अतः "Vitamine" शब्द में से "e" को हटाकर "Vitamin" नाम रख दिया गया।


विटामिन की खोज का इतिहास-History Of The Discovery Of Vitamins In Hindi


1747 में स्कॉटिश सर्जन जेम्स लिंड ने खोज किया कि स्कर्वी (Scurvy) नामक रोग की रोकथाम में खट्टी चीजें सहायक होती है।


1881 में रूसी सर्जन निकोलाई लुनिन (Nikolai Lunin) ने चूहों पर शोध किये। उन्होंने शोध में पाया कि दूध में प्रोटीन एवं वसा के अलावा थोड़ी मात्रा में स्वस्थ जीवन के लिए अनिवार्य अज्ञात तत्व भी होनी चाहिए।


1886 में, डच जीवाणु विशेषज्ञ क्रिश्चयान (Christiaan Ejkman) ने इंडोनेशिया में फैली बेरी-बेरी नामक बीमारी से लोगों को मरते हुए देखा।


वे खोज में पाये कि भोजन में कुछ पोषक तत्वों की कमी है, जिसे आज विटामिन कहते हैं। परंतु उनका यह खोज अधूरा ही रहा।


आज हमें विटामिन की जो जानकारियां प्राप्त है, वह मुख्यतः ब्रिटिश वैज्ञानिक सर एफ. जी. हापकिंस की देन है। 1911-12 में उन्होंने सिद्ध कर दिया कि- 


शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन में निश्चित मात्रा में विटामिन की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। अन्यथा विटामिन की कमी या अधिकता से शरीर में कुछ रोगों का आक्रमण संभव है।

 

विटामिन शरीर को स्वस्थ और निरोग बनाए रखने वाला एक महत्वपूर्ण रसायनिक तत्व है। अतः विटामिन की खोज के लिए सर एफ. जी. हापकिंस को 1929 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।


सर एफ.जी. हापकिंस ने विटामिन की खोज अवश्य की थी। परंतु विटामिन का नामकरण 1912 में पोलिश रसायनज्ञ कैसीमिर फंक (Polish Biochemist Casimir Funk) ने किया।


विटामिन का वर्गीकरण-Classification Of Vitamins In Hindi


1913 में, Elmer Vermer McCollum तथा Marguerite Davis ने घुलनशीलता के आधार पर विटामिन   को दो वर्गों में वर्गीकृत किया-

  • वसा में घुलनशील विटामिन (Fats-Soluble Vitamins)
  • जल में घुलनशील विटामिन  (Water-Soluble Vitamins)


वसा में घुलनशील विटामिन-Fats-Soluble Vitamins In Hindi 


4 विटामिन वसा में घुलनशील होते हैं-

  • विटामिन-A (Retinol)
  • विटामिन-D (Calciferol)
  • विटामिन-E (Tocopherol)
  • विटामिन-K (Phylloquinone)


जल में घुलनशील विटामिन-Water-Soluble Vitamins In Hindi 

2 विटामिन जल में घुलनशील होते हैं-

  • विटामिन- B समूह (B–Complex)
  • विटामिन- C (Ascorbic acid)


विटामिन-B समूहों में पाया जाता है जिसे "विटामिन-B कॉम्प्लेक्स" कहते हैं। ये 8 प्रकार के होते हैं-

  • विटामिन B1 (Thiamine)
  • विटामिन B2 (Riboflovin)
  • विटामिन B3 (Pantothenic-acid)
  • विटामिन B5 (Nicotinic acid)
  • विटामिन B6 (Pyridoxine)
  • विटामिन B7 (Biotin)
  • विटामिन B9 (Folic acid)
  • विटामिन B12 (Cynocobalamine)

 विटामिन-P: यह विटामिन-C से भिन्न एक विवादग्रस्त विटामिन है।


शरीर में विटामिन का संश्लेषण-Synthesis Of Vitamins In Body In Hindi


प्रायः हमारे शरीर में विटामिन का संश्लेषण नहीं होता है। परंतु वसा में घुलनशील विटामिन- A, D, E और K को शरीर संग्रह कर सकता है। फिर जरूरत पड़ने पर शरीर इसे प्राप्त भी कर सकता है।


वहीं जल में घुलनशील विटामिन- B तथा C शरीर में संग्रह नहीं होता है। यह मूत्र  के साथ शरीर से बाहर उत्सर्जित हो जाता है। 


दो विटामिन, विटामिन- D तथा K का संश्लेषण हमारे शरीर में स्वयं होता है


7-Dehydrocholestrol हमारे त्वचा में होता है। यह सूर्य के प्रकाश में उपस्थित पराबैगनी किरणों से प्रतिक्रिया करके त्वचा में उपस्थित Ergosterol को विटामिन- D में बदल देता है।


विटामिन- K थोड़ी मात्रा में Liver में बनता है।

हमारे आँतों में कुछ ऐसे Bacteria होते हैं, जो विटामिन- B, E और K को बनाते हैं।


विटामिन का महत्व-Importance of Vitamins in Hindi


हम जानते हैं कि भोजन हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण मूलभूत आवश्यकता है। भोजन में उपस्थित पोषक तत्व स्वस्थ जीवन का आधार है। यह हमारे स्वास्थ्य को सर्वाधिक प्रभावित एवं नियंत्रित करता है।


हम ऊपर में देखें कि विटामिन की खोज से पहले,  चिकित्सा विज्ञानी भोजन में पोषक तत्व- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा तथा खनिज लवणों का होना ही जरूरी मानते थे।


परंतु सर्वप्रथम 1881 में, एन. आई. लुनिन ने विटामिन की खोज कर बताये कि, 


स्वस्थ शरीर के लिए भोजन में कार्बोहाइड्रेट इत्यादि तत्वों के अलावा, कुछ दूसरे तत्वों (विटामिन) का सूक्ष्म मात्रा में होना जरूरी है।



1912 में, वैज्ञानिक एफ. जी. हॉपकिन्स तथा सी. फंक ने विटामिन मत प्रस्तुत कर बताया कि-


प्रत्येक रोग भोजन में किसी न किसी विटामिन की कमी से होता है। भोजन में विटामिन तत्वों वाले पदार्थ देकर इन रोगों को दूर किया जा सकता है।


अतः शरीर की सुरक्षा तथा हमारे स्वास्थ व तंदुरुस्ती को बनाए रखने में भोजन में संतुलित मात्रा में विटामिन का महत्व, बहुत ज्यादा है।


विटामिन के कार्य-Functions Of Vitamins In Hindi


Vitamins के  महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं-

  • भोजन को ठीक से पचाकर ईंधन में बदलना, विटामिन का मुख्य कार्य है।
  • शरीर की उपापचयी क्रियाओं का नियंत्रण
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर को संक्रमण एवं रोगों से रक्षा करना । इसलिए विटामिन को "जीवन रक्षक" भी कहा जाता है।
  • शरीर के विकास एवं वृद्धि में मदद करना।
  • तंत्रिका को स्वस्थ बनाये रखना
  • शरीर को भोजन से ऊर्जा प्रदान करने में मदद करना।
  • शरीर में एंजाइम का निर्माण करना।
  • विटामिन- A, C एवं E एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं। यह शरीर के अंदर उत्पन्न फ्री रेडिकल को कम कर शरीर को Cancer जैसे कई रोगों से बचाता है।
  • शरीर को सही रूप में काम करने में अहम भूमिका। 


 विटामिन की कमी से होने वाले रोग एवं विटामिन के स्रोत


विटामिन A की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • रतौंधी तथा आंखों से संबंधित अन्य रोग
  • त्वचा संबंधी रोग
  • बालों में सूखापन

स्रोत:

  • गाजर
  • लाल या पीले रंग वाले फल
  • दूध
  • मांस
  • अंडा
  • मछली का तेल
  • मक्खन
  • हरे पत्तेदार साग-सब्जी
  • गोभी
  • पनीर


विटामिन B1 (थायमीन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत


रोग-

  • बेरी-बेरी

स्रोत-

  • चावल
  • अनाज के छिलके
  • दूध
  • सोयाबीन
  • साबूत अनाज
  • हरी सब्जियां
  • मांस 
  • मेवा
  • पनीर


विटामिन B 2 (राइबोफ्लेविन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग-

  • मुंह में छाले पड़ना
  • भूख की कमी
  • चर्म रोग
  • शरीर के भार में कमी आ जाना


स्रोत-

  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • दूध
  • यीस्ट
  • मांस एवं अंडा


विटामिन- B 3 (नियासिन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग: 

  • पेलाग्रा
  • मानसिक रोग
  • पाचन क्रिया की गड़बड़ी

स्रोत :

  • दूध
  • दही
  • पनीर
  • मांस
  • मछली
  • अंडा
  • अंकुरित गेहूं
  • आलू
  • अनाज की बाहरी परत
  • बदाम
  • टमाटर
  • पत्तेदार सब्जियां


विटामिन- B5 (पैन्टाथीनिक एसीड) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • हृदयाघात
  • त्वचा रोग
  • बालों की समस्या

स्रोत:

  • ईस्ट
  • मांस
  • टमाटर 
  • अनाज


विटामिन – B 6 (Pyridoxine) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • शारीरिक वृद्धि में अवरोध
  • खून की कमी
  • त्वचा रोग


स्रोत:

  • हरी सब्जियां
  • अनाज
  • मांस
  • कलेजी


विटामिन- B 7 (बायोटिन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • त्वचा रोग
  • बालों का झड़ना
  • मांसपेशियों में दर्द

स्रोत:

  • हरी सब्जियां
  • ताजे फल
  • यकृत
  • दूध
  • अंडा
  • अनाज
  • दाल


विटामिन -B 9 (फोलिक एसिड ) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • एनीमिया
  • पेचिश
  • मुंह के अल्सर
  • शारीरिक वृद्धि में कमी

स्रोत:

  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • संतरा
  • केला
  • अंडा
  • पालक
  • यकृत


विटामिन- B 12 (साइनोकोबालामिन) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • एनीमिया
  • तंत्रिका तंत्र की बीमारियां

स्रोत:

  • मांस
  • मछली
  • अंडा
  • पनीर
  • अनाज


विटामिन- C  (एस्कॉर्बिक एसिड) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • स्कर्वी रोग (घाव का जल्दी ना भरना)
  • मसूड़ों का फूलना


स्रोत:

  • खट्टे फल जैसे-
    • निम्बू
    • संतरा
    • मुसम्मी
    • आंवला
  • टमाटर
  • पत्तेदार सब्जियां
  • अंकुरित अनाज
  • हरी मिर्च


विटामिन-D (Calciferol) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत:

रोग:

  • बच्चों में रिकेट्स
  • व्यस्क में ओस्टियोमलेशिया
  • टीटैनी

स्रोत:

  • सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में शरीर में स्वयं संश्लेषित
  • इसके अलावा-
    • मक्खन
    • अंडे
    • मछली के तेल


विटामिन-E (Tocoferol ) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • नपुंसकता
  • स्त्री में बन्ध्यता
  • भ्रूण का नष्ट हो जाना
  • चेहरे पर कील-मुंहासे


स्रोत:

  • अंकुरित अनाज
  • सोयाबीन का तेल
  • हरी सब्जियां 
  • मांस


विटामिन-K (Pyloquinone) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • रक्त का थक्का न बनना
  • हीमोफीलिया

स्रोत:

  • हरी पत्तेदार सब्जियां
  • पनीर
  • सोयाबीन


विटामिन-P (बायोफ्लैवेनॉइड्स) की कमी से होने वाले रोग एवं स्रोत

रोग:

  • रक्त वाहिनी शिराओं की मजबूती में कमी आ जाना
  • रक्तचाप असामान्य हो जाना

स्रोत:

  • खट्टे-मीठे फल
  • साग-सब्जी


Bottom Line :


दोस्तों, तो ये रहा शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से हैं? (Vitamins In Hindi)। इस आर्टिकल में हम जानें कि वो 13 विटामिन कौन से हैं?, जो हमारे लिए अनिवार्य हैं। उम्मीद है कि Vitamins से संबंधित यह Blog Post आपको पसंद आया होगा। 


विटामिन (Vitamin In Hindi) हमारे स्वस्थ जीवन के लिए एक अनिवार्य कार्बनिक सूक्ष्म पोषक तत्व है। 


तथ्यों से, स्पष्ट है कि विटामिन की खोज मानव जाति के लिए एक महत्वपूर्ण खोज थी। 1912 में, वैज्ञानिकों ने  सिद्ध कर दिया कि विटामिन को संतुलित मात्रा में दैनिक आहार में लेना जरूरी है। 


विटामिन रंगीन फलों तथा हरी पत्तेदार सब्जियों में अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसलिए इसे रोज खाना  चाहिए। 


आप रोजाना अपने दैनिक आहार में 5 तरह के फलों और सब्जियों को शामिल करें। इससे शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन की कमी नहीं होगी तथा आप हेल्दी बनें रहेंगे। 


धन्यवाद 


शरीर के लिए आवश्यक 13 विटामिन कौन से है?

08 जून 2024

कार्बोहाइड्रेट क्या हैं इनका वर्गीकरण कैसे किया गया है

 

कार्बोहाइड्रेट क्या हैं, कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण, प्रकार, स्रोत एवं कार्य, Carbohydrates In Hindi  

Carbohydrate Kya Hai Inka Vargikaran
कार्बोहाइड्रेट 

दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि कार्बोहाइड्रेट अच्छे और खराब दोनों हो ते हैं। यह लेख  "कार्बोहाइड्रेट क्या हैं इनका वर्गीकरण कैसे किया गया है" के बारे में है।कार्बोहाइड्रेट  कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना एक जैव कार्बनिक यौगिक है। ये पॉलीहाइड्रॉक्सी एल्डिहाइड या  कीटोन होते है। इसमें कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात 1:2:1 होता है। कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कई तरह से किया गया है। अच्छे और खराब कार्बोहाइड्रेट को समझने के लिए इसके वर्गीकरणों को जानना जरूरी है। अनाज, आलू, चीनी, शहद, फल, मैदा, कोल्ड ड्रिंक्स, डिब्बा बंद भोजन, प्रॉसेस फूड, फास्ट फूड इत्यादि इसके स्रोत हैं। 

GOOD AND BAD CARBOHYDRATES
 अच्छे और खराब कार्बोहाइड्रेट

कार्बोहाइड्रेट शरीर में ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत है। इसके 1 ग्राम ऑक्सीकरण से 4.1 किलो कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। कई अध्ययनों से प्रमाणित है कि हर व्यक्ति को कम से कम 130 ग्राम/प्रतिदिन कार्बोहाइड्रेट को अपने भोजन में लेना आवश्यक है। वहीं इसकी अधिकतम मात्रा 420 ग्राम/प्रतिदिन है। इस ब्लॉग पोस्ट "कार्बोहाइड्रेट क्या हैं इनका वर्गीकरण कैसे किया गया है" में कार्बोहाइड्रेट के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस Content में अच्छे  कार्बोहाइड्रेट और खराब कार्बोहाइड्रेट के बारे में बेहतर ढंग से Detail में बताया गया है। 


कार्बोहाइड्रेट क्या हैं इनका वर्गीकरण कैसे किया गया है - Carbohydrates In Hindi 


तो, दोस्तों अब आप अवश्य जानना चाहेंगे कि कार्बोहाइड्रेट क्या हैं? कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कैसे किया गया हैं? इसके वर्गीकरण का आधार क्या है? कार्बोहाइड्रेट के प्रकार, स्रोत और महत्व क्या हैं? अच्छे और खराब कार्बोहाइड्रेट कौन-कौन से हैं? इत्यादि। 

इस तरह के कई सवाल आपके मन में उठ रहें होगें, जिसका जवाब आप जानना चाहेंगे। आपके सारे प्रश्नों के उत्तर इस कंटेन्ट में मिलेगा। बस इसे आप अंत तक ध्यान से पढ़े। तो आइए जानें, कार्बोहाइड्रेट के बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं हिन्दी में। 


कार्बोहाइड्रेट क्या हैं - What Is Carbohydrate In Hindi 


  • रासायनिक रूप से कार्बोहाइड्रेट कार्बन (C), हाइड्रोजन (H) और ऑक्सीजन (C) के मिश्रण से बना एक कार्बनिक पदार्थ है।
  • यह मिश्रण (कार्बोहाइड्रेट) पाचन क्रिया के दौरान परिवर्तित होकर ऊर्जा उत्पन्न कर शरीर को ताकत देती है।
  • कार्बोहाइड्रेट्स हमारे शरीर के लिए अनिवार्य 3 पोषक तत्वों में से एक मुख्य Macronutrient है। इसकी कमी से शरीर ठीक से कार्य नहीं करता तथा शरीर मे कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
  • एक व्यस्क व्यक्ति को रोजाना 400–420 ग्राम कार्बोहाइड्रेट भोजन में लेना जरूरी होhता है। यह हमें चावल, गेँहू, आलू, चीनी, शकरकंद, शहद, गुड़, फल आदि के खाने से मिलता है।
  • ध्यान देने वाली बात यह है कि कार्बोहाइड्रेट की अधिकता शरीर के लिये घातक होता है। इसे ज्यादा मात्रा में खाने से मधुमेह, मोटापा एवं हृदय रोग जैसे खतरनाक बीमारियां होने की संभावना बनी रहती है।
  • इसलिए कार्बोहाइड्रेट को कार्य, आयु एवं लिंग के अनुसार संतुलित मात्रा में ही अपने दैनिक आहार में शामिल करनाजब चाहिए।
  • कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण एवं उपयोगी पोषक तत्व है। क्योंकि यह ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। हमारे आहार में शामिल खाद्य पदार्थों में सबसे ज्यादा 45-65% कार्बोहाइड्रेट्स होता है।
  • शरीर को सबसे ज्यादा ऊर्जा 50-75% कार्बोहाइड्रेट से ही मिलती है। इसके 1 ग्राम ऑक्सीकरण से 4.1 किलो कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • कई अध्ययनों से प्रमाणित है कि हर व्यक्ति को कम से कम 130 ग्राम/प्रतिदिन कार्बोहाइड्रेट को अपने भोजन में लेना आवश्यक है। वहीं इसकी अधिकतम मात्रा 420 ग्राम/प्रतिदिन है।


कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कैसे किया गया है?


  •  कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छे भी हो सकते हैं और खराब भी।
  • इनमें कई भिन्नताएँ होती है। इसलिए कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण कई प्रकारों से किया गया है। हमारे स्वास्थ्य के लिए कौन-सा खाद्य पदार्थ अच्छा है और कौन-सा खराब? इसके लिए इसके सभी प्रकारों को जानना जरूरी है।
  • इन्हीं सभी बात को ध्यान में रखते हुए इस पोस्ट में विभिन्न तरीकों से कार्बोहाइड्रेट के वर्गीकरण के बारे में जानकारी दी गई है। यह जानकारी आपके लिए एक वरदान साबित हो सकता है।
  • क्योंकि Bad Carbohydrates को अधिक खाने से मोटापा, डायबिटीज, हार्ट डिजीज एवं कैंसर जैसे खतरनाक बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
  • वहीं Good Carbohydrates इन सारी बीमारियों की रोकथाम करती है। Immunity को बढ़ा कर शरीर को रोगों से बचाती है। Brain में Seretonin के Level को बढ़ा कर Depression की रोकथाम, तनाव को कम तथा अनिद्रा को दूर करती है।

कार्बोहाइड्रेट के प्रकार-Types Of Carbohydrates In Hindi 


Types Of Carbohydrates
Types Of Carbohydrates

दोस्तों, सभी कार्बोहाइड्रेट एक समान नहीं होते हैं। किस कार्बोहाइड्रेट के क्या गुण हैं? इसके स्रोत क्या हैं?इसके लिए कार्बोहाइड्रेट के प्रकार को जानना जरूरी है। 

मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट 2 प्रकार के होते हैं- 

  1. सरल कार्बोहाइड्रेट (Simple Carbohydrates) 
  1. जटिल कार्बोहाइड्रेट (Complex Carbohydrates)

इन दोनों के भी 2-2 प्रकार है। वे हैं-

  1. मोनोसैकेराइड (Monosaccharide)
  2. डाईसैकेराइड (Disaccharide)
  3. ओलिगोसैकेराइड (Oligosaccharide)
  4. पॉलीसैकेराइड (Polysaccharides) 

वैज्ञानिकों ने कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण विभिन्न प्रकार से किये हैं, जिसके बारे में हम आगे जनेंगे। साथ ही हम जानेंगे कि कार्बोहाइड्रेट का कौन-सा प्रकार हमारे सेहत के लिए अच्छा है और कौन-सा खराब।  


कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण-Classification Of Carbohydrates In Hindi 

कार्बोहाइड्रेट के वर्गीकरण को जानने के लिए इसके वर्गीकरण के आधार को समझना



 जरूरी है। अध्ययन से पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट को निम्नलिखित तरीकों से वर्गीकरण किया जा सकता है।

  •  जल-अपघटन के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण
  •  रासायनिक गुणों के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण
  •  भौतिक गुणों के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण
  •  पोषक तत्वों के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण
  •  स्वास्थ्य पर प्रभाव के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण

इसकी विस्तृत चर्चा इस Article में की गई है।

यह जानकारी आपको अच्छे कार्बोहाइड्रेट्स वाले खाद्य पदार्थों की चुनाव करने में काफी मददगार साबित हो सकता है। 

इस प्रकार से यह पोस्ट स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।



जल-अपघटन के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का  वर्गीकरण-Classification of Carbohydrates On The Basis Of Hydrolysis


जल अपघटन के आधार पर कार्बोहाइड्रेट को चार वर्गों में वर्गीकृत किया गया है-

      • मोनोसैकेराइड 
      • डाइसैकेराइड 
      • ओलिगोसैकेराइड 
      • पॉलीसैकेराइड 

👉डाइसैकेराइड (Disaccharide): 

  • डाइ (Di) का मतलब 2 होता है। जिस Carbohydrate के जल-अपघटन से मोनोसैकेराइड के दो इकाई प्राप्त होते हैं, उसे "डाइसैकेराइड" कहते हैं। 
  • यह स्वाद में मीठा और जल में घुलनशील होता है। 
  • सुक्रोज, माल्टोज और  लैक्टोज इसके उदाहरण हैं। 
  • गन्ना, चुकंदर, ब्राउन राइस सिरप, कॉर्न सिरप इत्यादि इसके स्रोत हैं। 
  • डाइसैकेराइड एक प्रकार का ओलिगोसैकेराइड ही है। 
  • अतः जल-अपघटन के आधार पर कार्बोहाइड्रेट मुख्यतः 3 प्रकार के होते हैं-

    1. मोनोसैकेराइड (Monosaccharide)
    2. ओलिगोसैकेराइड (Oligosaccharide)
    3. पॉलीसैकेराइड (Polysaccharides)


1. मोनोसैकेराइड्स - Monosaccharides In Hindi

              
Monosaccharide



   Greek - Monos =  Single

                 Greek - Sacchar  =  Suger 
               
             Monos + Sacchar  =  MONOSACCHARIDES
  • “Monosaccharide” शब्द की उत्पत्ति Greek शब्द "Monos" तथा “Sacchar” से हुआ है।
  • “Monos” का अर्थ “Single” (एक) तथा “Sacchar” का अर्थ “Suger” (चीनी) होता है।
  • इसे सरल चीनी (Simple Suger) भी कहते हैं।
  • Saccharide की एक अणु या इकाई से बना होता है। 
  • सबसे सरल कार्बोहाइड्रेट। 
  • जल अपघटन नहीं होता। 
  • तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। 
  • स्वाद में मीठा। 
  • जल में घुलनशील। 
  • Enzymes द्वारा नहीं पचता। 
  • सीधा रक्त में अवशोषण। 
  • ठोस क्रिस्टली अवस्था में पाया जाता है।
  • सामान्य सूत्र CnH2nOn है।
  • मुख्य रूप से पौधों में पाया जाता है
  • शरीर में संग्रहित हो जाता है।
  • जब इसमें “एल्डिहाइड” समूह उपस्थित होता है इसे “एल्डोहेक्सोज” कहते हैं। जैसे- ग्लूकोज।
  • जब इसमें कीटो समूह उपस्थित रहता है तो इसे “कीटोस” कहते हैं। जैसे- फ्रुक्टोज


मोनोसैकेराइड के प्रकार-Types Of Monosaccharide In Hindi

Monosaccharides में उपस्थित कार्बन परमाणु की संख्या के आधार पर यह निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-

  1. Triose (C3H6O3) जैसे- Glyceraldehyde (glyceral)
  2. Tetrose (C4H8O4) जैसे- Erythrose 
  3. Pentose (C5H10O5जैसे- Ribose
  4. Hexose (C6H12O6) जैसे– Glucose, Fructose, Galactose

ग्लूकोज - Glucose in Hindi

  • ग्लूकोज सबसे महत्वपूर्ण मोनोसैकेराइड है।
  • शरीर को तुरंत उर्जा प्राप्त होती है।
  • ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत।
  • प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपस्थित।
  • अंगूर और  मधु में मुख्य रूप से पाया जाता है।
  • रक्त में रक्त शर्करा (Blood Suger) के रूप में घूमता रहता है।
  • पौधों में Starch एवं  Amylase तथा जंतुओं में Glycogen के रूप में Store रहता है।
  • Glucose की एक अणु में 6 कार्बन परमाणु तथा एक एल्डिहाइड समूह होता है। जिसके कारण इसे एल्डोहेक्सोज (Aldohexose) कहते हैं।
  • ग्लूकोज का आणविक सूत्र है- C6H12O6 
  • Glucose के दो रूप होते हैं- 

           (a.) D-Glucose 

           (b.) L-Glucose

  • D-Glucose प्राकृतिक रूप से पौधों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • L-Glucose को कृत्रिम रूप से उत्पादन किया जाता है।


फ्रुक्टोज - Fructose In Hindi 

  • Fructose पौधों में होता है। जो एक सरल Kitonic Monosaccharide है।
  • इसे  “फल चीनी” (Fruit  Suger) भी कहते हैं।
  • यह शरीर में पहुंचते ही Glycogen  में बदल जाता है। इसलिए पाचन के समय इसका सीधा Blood में Absorption होता है।
  • यह दूसरे शर्करा की तुलना में पानी में सबसे ज्यादा घुलनशील होता है।
  • जब यह सुखा होता है तो ठोस, क्रिस्टिलीय, सफेद, मीठा तथा गंधहीन होता है।


स्रोत: 
शहद, पौधों के फल व फूल, जामुन, जड़ वाली सब्जियां, आलू , गुड़, नाशपाती, गन्ना, चुकंदर, बेर इत्यादि। 

 2. ओलिगोसैकेराइड्स- Oligosaccharides in Hindi  

              Greek - Oligos     =  a few ( कुछ ) 

              Greek - Sacchar  =  Sugar (चीनी)

            Olios  + Sacchar = OLIGOSACCHARIDES

Oligosaccharides में Saccharides की संख्या 2 से 10 तक होते हैं। 

  • “Oligosaccharide” शब्द को Greek word (यूनानी शब्द) “Oligos” तथा “Sacchar” से लिया गया है।
  • “Oligos” का मतलब “a few” (कुछ) तथा “Sacchar” का मतलब “Sugar” (चीनी) होता है।

वैसे कार्बोहाइड्रेट जिसके जल-अपघटन से 2-10 तक Monosaccharides बनते हैं, उसे Oligosaccharides कहते हैं। जैसे- सुक्रोज, माल्टोज, लैक्टोज

  • यह पौधों में पाए जाने वाला आहारीय रेशा (Dietary Fiber) होता है।
  • इसका  पाचन  छोटी आंत में नहीं होता है। 
  • बल्कि यह बड़ी आंत में Bifidobacteria विकसित कर बड़ी आंत को स्वस्थ बनाता है। 
  • उदाहरण: सुक्रोज, माल्टोज, लैक्टोज। 


सुक्रोज-Sucrose In Hindi

  • सुक्रोज आमतौर पर खायी जाने वाली चीनी होती है। इसलिए इसे “Table suger” भी कहते हैं।
  • इसे चीनी, गाने की चीनी तथा शर्करा के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसका आणविक सूत्र C12H22O11 है।
  • इसे प्राकृतिक रूप से पौधों से प्राप्त किया जाता है।
  • गन्ने तथा चुकंदर से चीनी मिलों में कच्ची चीनी तैयार किया जाता है। फिर इसका शोधन कर शुद्ध चीनी या Sucrose बनाया जाता है।
  • पाचन के समय Gastric acid सुक्रोज को Glucose तथा Frutose में परिवर्तित कर देता है।

स्रोत: सुक्रोज प्राकृतिक रूप से निम्नलिखित पौधों में पाया जाता है-

  • गन्ना
  • चुकंदर
  • गाजर
  • अनानास
  • खूबानी
  • नाशपाती
  • मीठे फल

माल्टोज - Maltose In Hindi

  • Maltose को “माल्ट चीनी” (Malt Suger) तथा “Metobiose” भी कहा जाता है। 
  • “Maltose” का नाम “Malt” शब्द में शर्करा (Suger) के लिए प्रयोग होने वाले प्रत्यय (Suffix) “-ose” को लगाकर रखा गया है।
  • Maltose हमारे शरीर में Maltase enzymes के द्वारा Glucose के दो अणुओं में टूट जाता है। 
  • इसके बाद यह या तो Energy उत्पन्न करता है या फिर Glycogen के रूप में Store हो जाता है।
  • माल्टोज की मिठास सुक्रोज की तुलना में एक तिहाई होता है। 
  • फिर भी इसे “Sweatner” ही माना जाता है।
  • इसका Fermentation कर शराब बनाया जाता है।
  • इसका ठीक से पाचन नहीं होने पर गैस बनाता है। किसी-किसी को Diarrhoea भी हो जाता है।

स्रोत:

  • अंकुरित अनाज
  • जौ
  • माल्ट
  • कॉर्न सिरप
  • ब्राउन राइस सिरप

लैक्टोज - Lactose In Hindi

         Latin- Lac (Lactin) = Milk (दूध)

  • Lactose शब्द को Latin शब्द “Lac” से लिया गया है, जिका मतलब Milk (दूध) होता है
  • इसमें Suger के लिए प्रयोग होने वाली Suffix “-ose” को जोड़कर “Lactose” शब्द बना है।
  • यह दूध में पाई जाने वाली Disaccharide (कार्बोहाइड्रेट) होता है।
  • यह स्वाद में हल्का मीठा, पानी में घुलनशील तथा सफेद रंग का होता है।
  • इसका पाचन Intestine के Villi से स्रावित होने वाली Lactase enzymes से होता है।
  • यह पूरी तरह से नहीं पचता है।
  • इससे 2 से 4 किलो कैलोरी ऊर्जा मिलती है।

 

  3. पॉलीसैकेराइड्स-Polysaccharides In Hindi 

                       Greek - Poly        =  Many  (कई) 

                       Greek - Sacchar  =  suger 

                  Poly + Sacchar = POLYSACCHARIDES

    

  • “Polysaccharide” शब्द को Greek शब्द “Poly” = “Many” (कई) तथा “Sacchar” = “Suger” (शर्करा /चीनी) से लिया गया है।


वैसे कार्बोहाइड्रेट्स जिसका Hydrolysis करने पर कई Monosaccharides units प्राप्त होते हैं, उसे “Polysaccharide” या “बहुशर्करा” कहते हैं।

 

  • इसे ग्लाइकेन भी कहते है।
  • यह एक जटिल कार्बोहाइड्रेट होता है। 
  • इसक निर्माण 10 से 10,000 या उससे भी ज्यादा Monosaccharides के अणुओं से मिलकर होता है।
  • इसका आधारभूत सूत्र (C6 H11 O5)n है।
  • Polysaccharide दो तरह के होते हैं- Homopolysaccharide तथा Hetropolysaccharide
  • जब Polysaccharide में सभी Monosaccharides एक ही तरह के होते हैं तो उसे “Homopolysaccharide” कहते हैं।
  • जब इसमें Monosaccharides अलग-अलग तरह के होते हैं तो उसे “Hetropolysaccharide” कहते हैं।
  • यह मुख्यतः पौधों में पाया जाता है तथा जल में घुलनशील होता है।
  • Polysaccharides जल-अपघटन के द्वारा ग्लूकोज में विघटित हो जाता है।
  • यह ऊर्जा उत्पादन के लिए शरीर में स्टोर होकर ऊर्जा उत्पादन के लिए ईंधन का काम करता है।
  • जल अपघटन से 10 से अधिक हजारों की संख्या में मोनोसैकेराइड के इकाई प्राप्त।
  • स्वाद में मीठा नहीं होता
  • इसे अशर्करा (Non-Suger) भी कहते हैं।
  • फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

उदाहरण: 

  • स्टॉर्च (Starch) या मांड
  • ग्लाइकोजन (Glycogen)
  • सेलुलोज(Cellulose)
  • काइटिन (Chitin)


स्टार्च - Starch In Hindi 

  • Starch ग्लूकोज के कई अणुओं से मिलकर बना होता है।
  • यह ग्लूकोज का बहुलक (Polymer) होता है।
  • इसमें अनेकों ग्लूकोज इकाइयां Glycosidic bonds जुड़े होते हैं।
  • यह हरे पौधों विशेषकर सभी अनाजों तथा सब्जियों में पाया जाता है, जिसमें ऊर्जा store रहता है।
  • शुद्ध रूप में स्वादहीन, गंधहीन तथा सफेद रंग का होता है।
  • यह पानी तथा अल्कोहल में अघुलनशील होता है। 

स्रोत:

मुख्य खाद्य पदार्थ। जैसे-आलू, मक्का, गेहूं, चावल।


ग्लाइकोजन - Glycogen In Hindi

  • ग्लाइकोजन जंतुओं के शरीर में संग्रहित रहता है। इसलिए इसे “Animal starch” भी कहते हैं।
  • यह जरूरत पड़ने पर ग्लूकोज में टूट जाता है तथा उर्जा प्रदान करता है।
  • यह मुख्यतः जीवाणुओं (Bacteria) तथा कवकों (Fungi) में पाया जाता है।
  • यह जंतुओं के Liver एवं Muscles में संचय रहता है।


सेलुलोज - Cellulose In Hindi


Starch की तरह Cellulose भी ग्लूकोज का बहुलक (Polymer) होता है।

यह पेड़-पौधों में पाया जाता है।

पेड़-पौधों की कोशिका भित्ति (Cell wall) Cellulose की ही बनी होती है।

यह जल में अघुलनशील होता है।

काइटिन-Chitin In Hindi


  • Chitin संयुक्तपादीप्राणियों (Arthropods) जैसे- तिलचट्टा के बाह्य कंकाल (Exoskeleton) में पाया जाता है।
  • यह जल में अघुलनशील होता है।


रासायनिक गुणों के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण | Clasication of Carbohydrates On The Basis of Chemical Properties 


कार्बोहाइड्रेट्स की रासायनिक संरचना


रासायनिक रूप से कार्बोहाइड्रेट कीटोन या एल्डिहाइड के यौगिक होते हैं। 
  • इसमें Polyhydroxy Ketones या Polyhydroxy Aldehydes के Units होते हैं।
  • इन इकाइयों के संख्या के आधार पर कार्बोहाइड्रेट तीन प्रकार के होते हैं-

    1. मोनोसैकेराइड
    2. ओलिगोसैकेराइड
    3. पॉलीसैकेराइड

👉 Note: इसके बारे में ऊपर में बताया जा चुका है। 


पोषण में पोषक तत्वों के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण | Classification of Carbohydrates On The Basis Of Nutrients In Nutrition


कार्बोहाइड्रेट प्राकृतिक रूप से पेड़-पौधों से प्राप्त एक Macronutrient है। पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। कार्बोहाइड्रेट पौधों के जड़, तना, बीजों एवं फलों में संचित (Store) हो जाता है।

हमारी आहार में उपस्थित पोषक तत्वों के प्राप्ति के आधार पर कार्बोहाइड्रेट तीन प्रकार के होते हैं-

  1. शक्कर या चीनी (Suger)
  2. मंड (मांड़ी) या स्टॉर्च (Starch)
  3. रेशा (Fiber) या सेलुलोज (Cellulose)

शक्कर एवं स्टार्च पौधों की फल एवं बीजों में जमा रहता है। जबकि सेलुलोज तना में अत्यधिक मात्रा में जमा रहता है।

 

1.शक्कर या चीनी (Suger) :

 

शक्कर में दो तरह के सैकेराइड्स पाया जाता है-

  • मोनोसैकेराइड
  • डाईसैकेराइड 

2. मंड या मांड़ी (Starch) :

 

  • जटिल कार्बोहाइड्रेट है।
  • रक्त शर्करा स्तर और वजन को कम बढ़ाता
  • पोषण के एतबार से महत्वपूर्ण एवं उपयोगी
  • स्वास्थ्य के लिए अच्छा

मुख्य स्रोत: मीठी आलू, चावल, मक्का, गेंहू इत्यादि

 

3.सेलुलोज (Cellulose) या रेशा (Fiber) :    

  • पॉलिसैकेराइड।
  • फलों एवं बीजों के भीतरी भाग में आवरण के रूप में रहता है।
  • जल में अघुलनशील।
  • पाचन नहीं होता।
  • पाचन क्रिया को ठीक करता।
  • कब्ज को दूर करता।
  • आहार की मात्रा को बढ़ाता।
  • मोटापा (वजन) कम करता।
  • रक्त शर्करा एवं कोलेस्ट्रोल का नियंत्रण।
  • मधुमेह, हृदय रोग एवं मोटापा के रोगियों के लिए लाभदायक।
  • स्वास्थ्य को बनाए रखता।

 

भौतिक गुणों के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण - Classification Of Carbohydrates On The Basis Of Physical Propertie

भौतिक गुणों के आधार पर कार्बोहाइड्रेट को दो वर्गो में बांटा गया है-

  • भौतिक गुण बहुलकीकरण की डिग्री पर आधारित कार्बोहाइड्रेट
भौतिक गुणों की विशेषताओं पर आधारित कार्बोहाइड्रेट

भौतिक गुण बहुलकीकरण की डिग्री पर आधारित कार्बोहाइड्रेट

भौतिक गुण बहुलकीकरण की डिग्री (Degree of Polymerization) के आधार पर कार्बोहाइड्रेट 2 प्रकार के होते हैं-

  • सरल कार्बोहाइड्रेट (Simple Carbohydrates)
  • जटिल कार्बोहाइड्रेट (Complex Carbohydrates)

शर्करा या चीनी (Suger) सरल या साधारण कार्बोहाइड्रेट होता है।

जबकि स्टार्च एवं रेशा जटिल कार्बोहाइड्रेट्स हैं।

हमारे आहार में  उपस्थित इसकी मात्रा के आधार पर इसकी पोषण की गुणवत्ता का निर्धारण किया जाता है। जो निम्न प्रकार से हैं-


1. सरल कार्बोहाइड्रेट (Simple Carbohydrates)  

 

मोनोसैकेराइड, डाइसैकेराइड और ओलिगोसैकेराइड को सरल कार्बोहाइड्रेट कहा जाता है। 

 

  • आसानी से जल्दी पच जाता। 
  • पचकर शरीर को तुरंत ऊर्जा देता।
  • बहुत सारे खाद्य पदार्थों में उपस्थित।
  • रेशा की कमी होती है।
  • वजन (मोटापे) को बढ़ाता है।
  • रक्त शर्करा स्तर  को तेजी से बढ़ा देता है।
  • टाइप -2 मधुमेह रोगियों के लिए ठीक नहीं होता।
  • स्वास्थ्य के लिए खराब होता है।
  • अतः सरल कार्बोहाइड्रेट खराब कार्बोहाइड्रेट है। 

स्रोत:


(a.) प्राकृतिक स्रोत (Natural Sources):


  • शक्कर, भूरी शक्कर। 
  • ग्लूकोज, फ्रुक्टोज एवं सुक्रोज। 
  • फलों का रस, कॉर्न सिरप, शहद, फल, मिट्ठा आलू। 

छिलके एवं बीज वाले फलों में भी सरल शर्करा होता है। परंतु  उसमें रेशा प्रचुर मात्रा में होता है।

यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।


(b.) प्रसंस्कृत और परिष्कृत खाद्य पदार्थ (Processed and Refined Food substance):


  • सुगंधित सोडा
  • शराब
  • चिप्स
  • कैंडी
  • केक
  • चिप्स
  • चॉकलेट
  • मीठा शीतल पेय
  • जेली
  • जाम
  • सफेद चीनी
  • सफेद चावल
  • स्वीटनर
  • पास्ता

# ये सभी स्वास्थ्य को खराब करते हैं।


2.जटिल कार्बोहाइड्रेट्स (Complex Carbohydrates):


पॉलीसैकेराइड, स्टॉर्चऔर फाइबर जटिल कार्बोहाइड्रेट हैं।

 

  • जटिल कार्बोहाइड्रेट्स में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होता है।
  • इसमें रेशा (फाइबर) अधिक मात्रा में होती है।
  • जटील कार्ब्स धीरे-धीरे सरल कार्बोहाइड्रेट में बदल जाता है।
  • यह धीरे-धीरे पचता है।
  • कब्ज को दूर कर पाचन-क्रिया को ठीक करता है।
  • यह वजन का नियंत्रण करता है, जिससे मोटापा नहीं होती।
  • इससे रक्त शर्करा स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है।
  • टाइप-2 मधुमेह वालों के लिए आदर्श होता है।
  • कोलेस्ट्रोल का नियंत्रण करता है।
  • लंबे समय तक स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
  • हृदय रोगों का नियंत्रण करता है।
  • इसमें जरूरी विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।
  • इसे अधिक मात्रा में खाया जा सकता है। 
  • यह डायबिटीज, हृदय रोग, फैटी लीवर, मोटापा आदि रोगियों के लिए अच्छा होता है।
  • यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
  • अतः इसे अच्छा कार्बोहाइड्रेट (Good Carbohydrates) माना जाता है।

 

जटिल कार्बोहाइड्रेट के स्रोत:


जटिल कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्रोत साबुत अनाज,  रेशेदार फल, सब्जियां आदि हैं। जो निम्नलिखित हैं-

साबुत अनाज : 

  • गेहूं
  • मक्का
  • जई
  • भूरा चावल

रेशा युक्त फल:

  • केला
  • जामुन
  • सेब

फलियां:

  • मटर

सब्जियां: 

  • ब्रोकली
  • पत्तेदार साग 
  • गाजर 
  • क्विनोआ


भौतिक गुणों की विशेषताओं पर आधारित कार्बोहाइड्रेट


भौतिक गुणों की विशेषताओं के आधार पर भी कार्बोहाइड्रेट दो प्रकार का होता है-

  1. शर्करा (Suger)
  2. अशर्करा (Non-Suger)

1. शर्करा (Suger):

  • स्वाद में मिठा। 
  • प्रकृति में व्यापक रूप से उपलब्ध। 
  • जल में घुलनशील। 
  • ठोस क्रिस्टलीय (रेवेदार)। 
  • अणु भार कम। 
  • जैसे- ग्लूकोज, सुक्रोज। 

मुख्य स्रोत: सब्जियां, फल, शक्कर, शहद। 


2. अशर्करा (Non-Suger):


  • स्वादहीन। 
  • जल में अघुलनशील। 
  • कोई आकार नहीं। 
  • अणुभार अधिक। 
  • अक्रिस्टलीय ठोस। 
  • चूर्ण (Powder) के रूप में उपलब्ध। 
  • जैसे- सेलुलोज, स्टार्च। 


मुख्य श्रोत: 
अनाज, दाल, फल और सब्जियों के छिलकों एवं भीतरी भाग में पाया जाता है।


स्वास्थ्य पर प्रभाव के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकारण

 

स्वास्थ्य पर प्रभाव के आधार पर कार्बोहाइड्रेट को दो वर्गों में बांटा जा सकता है-

  1. अच्छा कार्बोहाइड्रेट 
  2. खराब कार्बोहाइड्रेट 


1.अच्छा कार्बोहाइड्रेट - Good Carbohydrates In Hindi

 

वैसे कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ जिसमें पोषक तत्व एवं फाइबर भरपूर मात्रा में हो, जिसका पाचन धीरे-धीरे देर से हो, जो रक्त शर्करा स्तर को तेजी से न बढ़ने दे तथा जिसको खाने से मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा इत्यादि खतरनाक बीमारियां न हो, उसे “अच्छा कार्बोहाइड्रेट” कहते हैं।

शरीर पर अच्छा प्रभाव वाले कार्बोहाइड्रेट्स:

  • पॉलिसैकेराइड
  • डाइसैकेराइड
  • स्टार्च
  • सैलूलोज
  • अशर्करा इत्यादि

स्वास्थ्य के लिए अच्छे कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ:

  • साबूत अनाज
  • फल
  • सब्जियां
  • फलियां
  • जड़ एवं कंद
  • संपूर्ण खाद्य पदार्थ 


2.खराब कार्बोहाइड्रेट - Bad Carbohydrates In Hindi


वैसे कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ जिसमें पोषक तत्वों की कमी हो,फाइबर की कमी, जल्दी पच जाए,रक्त शर्करा स्तर को तेजी से बढ़ा दे तथा मधुमेह,हृदय रोग,मोटापा आदि रोगों की  खतरा को बढ़ाता हो, उसे “खराब कार्बोहाइड्रेट” कहते हैं।

 

स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव वाले कार्बोहाइड्रेट्स:


  • एकल शर्करा (Monosaccharide)
  • सरल कार्बोहाइड्रेट्स (Simple Carbohydrates)
  • शक्कर (Sugar)
          (i) एकल शर्करा (Monosaccharide)
          (ii) द्वि- शर्करा (Disaccharide)
  • परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट (Refined Carbohydrates)
  • प्रसंस्कृत कार्बोहाइड्रेट (Processed Carbohydrates) 
  • मीठा स्वाद वाले कार्बोहाइड्रेट
  • सफेद आलू
  • सफेद चावल
  • मीठा शीतल पेय
  • सफेद चीनी
  • फलों का रस
  • कॉर्न सिरप
  • शराब
  • पास्ता
  • चिप्स
  • कैंडी
  • केक
  • चॉकलेट इत्यादि। 


कार्बोहाइड्रेट के महत्व एवं कार्य - Functions Of Carbohydrate In Hindi 

हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट के महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं-

  • शरीर में ऊर्जा प्रदान करना।
  • शरीर के अन्य आवश्यक कार्य हेतु प्रोटीन को अलग रखना।
  • भोजन संचयन(Food Resserve)करना।
  • DNA RNA के निर्माण में सहायता करना।
  • शारीर में वसा की कमी के समय वसा में परिवर्तित होकर वसा की कमी को दूर करना।


कार्बोहाइड्रेट की कमी से होने वाली बीमारियां - Carbohydrates Deficiency Diseases In Hindi


कार्बोहाइड्रेट की कमी से शरीर में होने वाली निम्नलिखित बीमारियां हैं-

  • शरीर को कम ऊर्जा मिलाना।
  • शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी।
  • कार्यक्षमता का घाट जाना।
  • शरीर का वजन कम हो जाना।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो जाना।
  • संक्रामक बीमारियों की संभावना बढ़ जाना।
  • बच्चों के शारीरिक वृद्धि में कमी जाना।
  • शरीर में केटोजेनेसिस की वृद्धि होकर रक्त तथा उत्तकों में अम्ल की मात्रा का बढ़ जाना।
  • रक्त शर्करा का कम हो जाना, जिसे अल्पशर्करारक्तता” (“Hypoglycemia”) कहते हैं।
  • Hypoglycemia की वजह से शरीर में थकान, चक्कर आना, तनाव तथा भ्रम की स्थिति का हो जाना।
  • कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से शरीर को Dietary Fiber कम मिलती है, जिसके कारण कब्ज, पाचन क्रिया की गड़बड़ी का हो जाना।
  • आंत की कैंसर की संभावना बढ़ जाना।
  • शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो जाना अर्थात निर्जलीकरण (Dehydration) का हो जाना।
  • मस्तिष्क को ग्लूकोज कम मिलना तथा मस्तिष्क में Serotonin का कम बनना।
  • सेरोटोनिन (Seroton) की कमी की वजह से निराशा की भावना उत्पन्न होकर अवसाद (Depression) की संभावना बढ़ जाना।


कार्बोहाइड्रेट
की अधिकता से होने वाली बीमारियां - Carbohydrates Excessness Diseases In Hindi
 


वैज्ञानिकों के अनुसार हमारे भोजन में 45 से 70% हिस्सा कार्बोहाइड्रेट का होना चाहिए।

हमें कम से कम रोजाना 130 से 135 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों से प्राप्त करना चाहिए। अधिक से अधिक 400 से 420 ग्राम कार्बोहाइड्रेट ही भोजन में लेना चाहिए।

कार्बोहाइड्रेट की कोई निश्चित मात्रा निर्धारित नहीं है। किस व्यक्ति को कितना कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए? यह उसके शारीरिक स्थिति, आयु, वजन तथा शारीरिक एवं मानसिक कार्य पर निर्भर करता है।

कई शोधों से यह ज्ञात हो चुका है कि अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट को खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। इससे कई तरह की जानलेवा एवं खतरनाक बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।

कार्बोहाइड्रेट की अधिक सेवन से होने वाली प्रमुख बीमारियां निम्नलिखित हैं-

  • मधुमेह (Diabeties)
  • मोटापा (Obesity)
  • हृदय संबंधी बीमारियां (Heart Diseases)
  • दांत का क्षय (Dental Cavities)
  • यादास्त की कमी (Loss of Memory)

Bottom Line: 

दोस्तों, मुझे उम्मीद है यह ब्लॉग पोस्ट  "कार्बोहाइड्रेट क्या हैं इनका वर्गीकरण कैसे किया गया है " आपको पसंद आया होगा।इस Content का सीधा संबंध हमारी हेल्थ से जुड़ी हुयी है।

इसमें हम जानें कि कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा प्राप्ति का प्राथमिक स्रोत है। यह शर्करा, स्टार्च और आहारीय रेशा (Dietary Fiber) के रूप में हमारे भोजन में पाया जाता है।

संतुलित मात्र में यह खतरनाक बीमारियों से बचाव एवं मोटापे को दूर करता है। वहीं अधिक खाने पर यह मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग जैसे खतरनाक बीमारियों को पैदा भी करता है।

हमारे शरीर के लिए अच्छा कार्बोहाइड्रेट हैं- साबुत अनाज, रेशा युक्त फल एवं सब्जियां, कम वसा वाले दूध और उसके उत्पाद। जैसे- गेहूं, ज्वार, बाजरा, आलू, ब्राउन शुगर, सेब, केला इत्यादि।

अपने दैनिक भोजन में कार्बोहाइड्रेट को शामिल कर एक स्वस्थ एवं सुखी जीवन की प्राप्ति कर सकते हैं। अतः इसे हमें शारीरिक अवस्था के अनुसार उचित मात्रा अपने भोजन में अवश्य शामिल करना चाहिए।

"धन्यवाद "

कार्बोहाइड्रेट क्या हैं इनका वर्गीकरण कैसे किया गया है  

 

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